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बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का बड़ा खुलासा, अखिलेश को लेकर कही बड़ी बात


लखनऊ।उत्तर-प्रदेश की राजनीति में सियासी घमासान मचा हुआ है। आगामी उपचुनाव को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। ऐसे में तमाम राजनीतिक दल के नेता एक-दूसरे पर तंज कसने में लगे हुए हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने मायावती ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने पर बड़ा खुलासा किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन करने के बाद महज पांच सीटें मिलीं तो दुखी होकर एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती का फोन भी उठाना बंद कर दिया था। मायावती ने यह खुलासा एक बुकलेट में किया है, जो उपचुनाव और आने वाले चुनावों के मद्देनजर पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बांटी जा रही है।

मायावती ने सपा से गठबंधन टूटने पर किया बड़ा खुलासा
इसके साथ ही मायावती ने आगे लिखा है कि 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो एसपी को पांच और BSP को 10 सीटें मिलीं। इस वजह से दुःखी होकर BSP से आगे संबंध बनाए रखना तो दूर, अखिलेश यादव ने उनका और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का फोन भी उठाना बंद कर दिया था। उस दौरान पार्टी को अपने स्वाभिमान को बरकरार रखते हुए SP से अलग होना पड़ा। इस बुकलेट में एसपी के साथ दोनों बार हुए गठबंधन और टूटने की वजह मायावती ने बताई है। एसपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अखिलेश का व्यवहार सबको पता है। मायावती का वह आज भी सम्मान करते हैं। BSP सुप्रीमो के आरोप निराधार हैं।

सूत्रों के मुताबिक आगामी यूपी उपचुनाव की तैयारियों में जुटी BSP ने एक 59 पेजों की बुकलेट छपवाई है। इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं और बसपा समर्थकों को पार्टी की रणनीति से रूबरू कराने की कोशिश की गई है। ऐसे में यह बुकलेट कार्यकर्ताओं को दी जा रही है ताकि उन्होंने पिछले कुछ सालों में लिए गए मायावती के अहम फैसलों के पीछे की वजह बताई जा सके और बताया कि बसपा ही दलितों की सबसे बड़ी हितैषी है। हालांकि सपा ने बसपा प्रमुख के आरोपों का खंडन किया है।

बुकलेट में गेस्ट हाउस कांड पर जताया दुःख
इतना ही नहीं मायावती ने बुकलेट में गेस्ट हाउस कांड पर भी दुःख जताया है। बुकलेट में उन्होंने ये भी साफ किया कि गेस्ट हाउस कांड के बावजूद क्यों समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया था?  उन्होंने कहा कि यूपी में बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने उनकी पार्टी की पुरानी गलतियों को भूलकर दोबारा मौका देने की बात की थी। उन्होंने अपने समर्थकों से सपा के PDA से सावधान रहने को कहा।

आपको बता दें कि मायावती ने 1993 के गठबंधन का जिक्र करते हुए लिखा है कि उस समय एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम से यह कहकर गठबंधन किया था कि कांग्रेस और बीजेपी जैसी जातिवादी पार्टियां नहीं चाहतीं कि दलित और पिछड़ा वर्ग मिलकर बड़ी राजनीतिक ताकत न बन जाएं। इस गठबंधन के बारे में शुरू से यही कहा जा रहा था कि मुलायम की दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी और आपराधिक सोच होने की वजह से ये ज्यादा नहीं चलेगा।


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