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अहरौला क्षेत्र में लग रहा बायोगैस का उत्सर्जन प्लांट

अहरौला आजमगढ़।अहरौला के कोठरा गांव के उसर में बायोगैस का उत्सर्जन प्लांट लगने जा रहा है जिससे ब क्षेत्र के सैकड़ो किसानों को गांव में ही उनकी आय दुगना करने के लिए उन्हीं के खेतों से निकलने वाली हरियाली से बायोगैस तैयार होगा और गांव में ही उन्हें रोजगार मिलेगा इससे जहां सरकार की मंशा है कि आने वाले 2030 तक डीजल और पेट्रोल की खपत देश में जीरो पर लाना है देश से प्रदूषण मुक्त करते हुए ग्रीन एनर्जी का उत्सर्जन करते हुए सीएनजी की तरह बायोगैस का उत्सर्जन करना है इससे आने वाले समय में गांव से लेकर शहर तक गाड़ी से लेकर ट्रैक्टर तक रोड पर चलने वाले हर उपकरण फैक्ट्री में चलने वाले हर उपकरण इसी संयंत्र से निकलने वाले बायोगैस से चलेंगे और देश में ग्रीन एनर्जी का उत्सर्जन होता और एक स्वस्थ समाज की स्थापना होगी इस प्लांट के लगने की आधारशिला अहरौला क्षेत्र के अरूसा गांव के रहने वाले समाजसेवी और बिजनेसमैन रवींद्रनाथ सिंह ने आज इसका क्षेत्र के किसानों के लिए एक उम्मीद पैदा की है इस मौके पर यूपी नेडा से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी के साथ क्षेत्र के तमाम संभ्रांत लोग पहुंचे थे बताया जाता है कि यह प्लांट आगामी 1 साल के अंदर बनकर तैयार होगा और लगभग 20 बीघा के अंदर इस प्लांट को लगाया जाएगा और इसमें जमीन से लेकर प्लांट लगाने तक की जिम्मेदारी रविंद्र नाथ सिंह की होगी और 20% से ज्यादा इसमें सरकार अपना अनुदान देगी जिससे इस बायोगैस प्लांट को लगाने में बड़े-बड़े लोग इसमें आगे आए पूरे पूर्वांचल का यह अब तक का सबसे बड़ा बायोगैस प्लांट लगने जा रहा है इसकी क्षमता 1 दिन में 6 टन नेपियर घास की पेराई होगी और इसमें लगभग रोज पशुओं से निकलने वाले 10 से 15 कुंतल गोबर का भी इस्तेमाल होगा अब इस गोबर की भी कीमत इस प्लांट से किसानों को मिलेगा इससे जहां पशुओं को पालने की किसानों के अंदर प्रेरणा जागेगी वही पशु संरक्षित भी होंगे यही नहीं फूलपुर के जगदीशपुर के पास इसी तरह का 3 टन की क्षमता वाला पूजन वाला बायोगैस प्लांट लगाया जाएगा धीरे-धीरे अहरौला क्षेत्र का यह इलाका रोजगार के लिए इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में हब होने जा रहा है यह बायोगैस 50 करोड़ की लागत से बनने जा रहा है।

 


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