वक्फ बोर्ड के पास इतनी अधिक ताकत होना, देश के लिए घातक - रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया
लखनऊ।उत्तर-प्रदेश के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार राजा भैया ने मोदी सरकार द्वारा लाए नए वक्फ विधेयक की सराहना की है। इसके साथ ही राजा भैया ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास इतनी अधिक ताकत होना, देश के लिए घातक हो सकता है। इस पर वक्फ बिल लाने के लिए पीएम मोदी का धन्यवाद !
आपको बता दें कि राजा भैया गुजरात के राजकोट में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उस दौरान उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की अवधारणा केवल भारत में ही मौजूद है, जबकि दुनिया के अन्य इस्लामिक देशों में ऐसा कोई बोर्ड नहीं है। इसके साथ ही कुंडा विधायक ने ये भी कहा कि वक्फ से संबंधित निर्णय केवल वक्फ की अदालतों द्वारा ही लिए जाने चाहिए, जिससे अन्य न्यायालयों का अधिकार और सीमा समाप्त हो जाती है। इस बयान के माध्यम से राजा भैया ने वक्फ बोर्ड की प्रासंगिकता और उसके अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाए हैं।
राजा भैया वक्फ बोर्ड को लेकर कह दी बड़ी बात
इस दौरान उन्होंने वक्फ बोर्ड की ताकत को राष्ट्रीय चिंता का विषय बताया। और कहा कि भारत को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में वक्फ बोर्ड जैसी कोई संस्था नहीं है तो फिर भारत में इसको लेकर इतनी बहस क्यों ?
इसके साथ ही राजा भैया ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक नोटिस आपको दिया कि ये संपत्ति वक्फ की है। अगर आपको आपत्ति करना है तो उनका प्रदेश में एक कार्यलय है वहां जाकर आपत्ति कीजिये। अगर एक साल में आपने कोई जवाब नहीं दिया तो माना जाएगा की आपको कोई आपत्ति नहीं हैं। ऐसे में आपका घर, आपका गांव, आपकी जमीन वक्फ की है। वो वक्फ की संपत्ति घोषित हो जाएगी। ये लिखा पढ़ी में है। आज इसके पक्ष में मतदान भी कराया जा रहा है। मौलाना लोग इसमें मोबाइल के माध्यम से इसमे मतदान करा रहे हैं।
कुंडा विधायक ने आगे कहा इससे हम सबको मुखर होना चाहिए। राष्ट्र रक्षा का दायित्व सिर्फ राजनेताओं का नहीं है। ऐसे में अगर आज हमारे नेता यह कठिन निर्णय ले रहे हैं तो उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। साथ ही राजा भैया ने आगे कहा कि आज हम जितने महापुरुषों को नमन करते हैं, उन्होंने कभी अपने लिए लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने देश की रक्षा, संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड के समर्थन में कुछ मौलाना मोबाइल के जरिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है। यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक संतुलन का मामला है।
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