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अंबारी हर्षित चौबे की मौत का खुलासा, ना दोस्त था कातिल,ना किसी ने किया हत्या, शराब की लत और चोरी के चलते हुआ इतना बड़ा हादसा , दो दोस्त एक कबाड़ी गिरफ्तार

 

•आजमगढ़: तार चोरी करते समय करंट से ही हुई थी हर्षित की मौत
•दो दोस्त और कबाड़ी गिरफ्तार,पुलिस ने किया मामले का पर्दाफाश

आजमगढ़: फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अंबारी पांडेय का पूरा गांव में बाजरे के खेत में मिली शव की घटना का खुलासा सोमवार को पुलिस ने कर दिया। पुलिस की जांच में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार करंट से ही हर्षित की मौत का कारण सामने आया है। पुलिस ने मृतक के दो दोस्तों के साथ ही एक कबाड़ी को भी इस मामले में गिरफ्तार किया है। उक्त सभी युवक मिलकर विद्युत तार चोरी करने का काम करते थे।

फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अंबारी पांडेय का पूरा गांव में 12 सितंबर को हर्षित चौबे (16) पुत्र मुकेश चौबे का शव घर के पास ही बाजरे के खेत में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हर्षित की मौत का कारण करंट लगना साबित हुआ था। 

पुलिस की जांच में भी हर्षित की मौत का कारण करंट ही मिला। सोमवार को पुलिस ने पांडेय का पूरा गांव निवासी जगदीश यादव, नकुल राजभर व पवई थाना क्षेत्र के ओरिल गांव निवासी जियालाल को भेड़िया मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों के पास से लगभग 10 मीटर बिजली का तार बरामद हुआ है।

 पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि तीनों ने गांव के पास से गई 33 केवी बिजली के तार को पेड़ के सहारे चढ़ कर एक छोर का सबसे ऊपर का तार काटकर नीचे गिरा दिए। इसके बाद तीनों दूसरे विद्युत पोल जो महेंद्र पांडेय के बाजरे के खेत के पास आकर जमीन पर गिरे हुए विद्युत तार को हर्षित चौबे उर्फ शिवा प्लास से काटने लगा कि तभी उस विद्युत तार में करंट आ गया और हर्षित चौबे उर्फ शिवा को करंट लग गया। उसको बचाने में नकुल राजभर को भी करंट के झटके लगे थे। फिर लाइट तुरंत कट गई। बिजली का करंट लगने से हर्षित चौबे उर्फ शिवा मौके पर अचेत हो गया। काफी प्रयास के बाद भी जब वह होश में नहीं आया तो नकुल व जगदीश मिलकर उसे वहां से उठाकर बाजरे के खेत में ले जाकर छिपाकर भाग गए। किसी को कोई सूचना लोग नहीं दिए और जब बाजरे के खेत से उसका शव मिला तब से वह लोग और काफी डर गए। इधर-उधर छिपकर रह रहे थे। पैसा न होने के कारण कहीं भाग नहीं पा रहे थे। 

पुलीस के पूछताछ में नकुल व जगदीश ने बताया कि सात सितंबर को समय करीब 9.30 बजे सुबह दोनों साथ में घूम रहे थे। सरकारी ट्यूबवेल के पास से घूमते हुए पहुंचे तो ट्यूबवेल पर उनका दोस्त हर्षित चौबे उर्फ शिवा मिला, जो चिंतित था। फिर वह तीनों लगभग 11 बजे दिन तक गांव के काली माता मंदिर पर जाकर बैठे थे। इसके बाद वहां से चलकर लगभग 11.30 बजे शराब के ठेके पर गए। हर्षित चौबे उर्फ शिवा के पास 100 रुपये था व 100 रुपये नकुल राजभर के पास था, तीनों ने शराब ठेका से एक शीशी शराब व गुड्डू की दुकान से नमकीन, कोल्डड्रींक, सिगरेट एवं गुटका लिए और शराब ठेका के पीछे बैठकर शराब पिए। शराब पीकर तीनों वहां से निकल गए। उन लोगों के पास पैसा नहीं था लेकिन और शराब पीनी थी। ऐसे में उन्हें पैसे की आवश्यकता थी। तीनों ने गांव के पास से जा रही 33 केवी बिजली के तार जिसमें करंट नहीं आता है।

 बिजली का तार काटकर उसे बेचकर पैसे की व्यवस्था करने की योजना बनाए। उसके पूर्व में भी तीनों मिलकर उक्त बिजली के तार को काटकर अंबारी बाजार में जियालाल के कबाड़ के दुकान पर लगभग 10 मीटर बिजली के तार को बेचे थे।

 हर्षित चौबे उर्फ शिवा ने पिलास की व्यवस्था किया था।


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