यदि एक महिला साक्षर होती है, तो वह अपने पूरे पीढ़ी को शिक्षित एवं स्वावलम्बी बनाती है :दुर्गा शंकर मिश्र,मुख्य सचिव
लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा सुश्री विद्या दास एवं शिव नाडर फाउण्डेशन को अति प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का ”डॉ. वेल्दी फिशर पुरस्कार“ देकर सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि इण्डिया लिटरेसी बोर्ड, लखनऊ द्वारा अतिप्रतिष्ठित ”डॉ. वेल्दी फिशर पुरस्कार“ ओडीशा की सुश्री विद्या दास को उनके द्वारा औपचारिक, अनौपचारिक एवं आजीवन शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया गया। वहीं शिव नाडर फाउंडेशन को उत्तर प्रदेश राज्य में औपचारिक एवं प्रौढ़ शिक्षा के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने हेतु संयुक्त रूप से रुपए एक लाख, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र एवं अंगवस्त्र आदि प्रदान कर सम्मानित किया गया।
सम्मान प्रदान करते हुए मुख्य सचिव ने पुरस्कृत अतिथियों एवं इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के पदाधिकारियों एवं विद्यार्थियों को उनके द्वारा शिक्षा-साक्षरता एवं कौशल विकास के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में प्रत्येक भारतीय का यह कर्तव्य है कि वह खुद तो साक्षर एवं शिक्षित हो ही, साथ ही औरों को भी साक्षर एवं शिक्षित बनाए। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक बालिका को साक्षर बनाया जाए, जिससे उसकी आने वाली समस्त पीढ़ी शिक्षित हो सके। एक साक्षर महिला पूरे परिवार, समाज एवं राष्ट्र की शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी, आई.ए.एस. (से.नि.) ने कहा कि साक्षरता से शिक्षा एवं शिक्षा से सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है। संस्थान की पृृष्ठभूमि से अवगत कराते हुए बताया कि ”डॉ. वेल्दी फिशर पुरस्कार“ डॉ. वेल्दी फिशर के जन्म दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष औपचारिक एवं अनौपचारिक साक्षरता, प्रौढ़ शिक्षा, सतत शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में उत्कृृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को प्रदान किया जा रहा है।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि इण्डिया लिटरेसी बोर्ड द्वारा वर्ष 1956 से औपचारिक एवं अनौपचारिक साक्षरता, प्रौढ़ शिक्षा, सतत शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है और साथ ही राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को कई जनपदों में संचालित कर रहा है।
पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में सुश्री विद्या दास तथा शिव नाडर फाउंडेशन के प्रतिनिधि रॉबिन सरकार के द्वारा भी अपने अनुभव साझा किए गए।
समारोह में पद्मश्री डॉ. विद्या बिन्दु एवं इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, न्यायमूर्ति राजमणि चौहान (से.नि.), जी. पटनायक, आई.ए.एस. (से.नि.), इण्डिया लिटरेसी बोर्ड की निदेशक सुश्री सन्ध्या तिवारी आई.ए.एस. (से.नि.), विष्णु प्रताप सिंह, प्रेम कांत तिवारी आदि उपस्थित रहे।
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