अम्बेडकर नगर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों मे से एक माना जाने वाला मंदिर - दरगाह स्थित श्री कमला पंडित जी के समाधि स्थल
अंबेडकरनगर आज योगिराज श्रीकृष्ण के छठ्ठी व विश्व हिंदू परिषद के स्थापना दिवस पर बड़े ही भाव के साथ जिला अम्बेडकर नगर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों मे से एक माना जाने वाला मंदिर - दरगाह स्थित श्री कमला पंडित जी के समाधि स्थल पर मनाया गया । इस कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में प्रान्त सत्संग प्रमुख अवध श्याम बाबू व कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सत्संग प्रमुख व श्री सिध्देश्वर धाम के पूज्य महंत कृष्णनं दास रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ प0कमला मठ के पूज्य स्वामी श्री राम नयन दास महाराज ,श्याम बाबू, कृष्णनं दास ,दिनेश श्रीवासत्व,आचार्य अर्जुन ने संयुक्त रूप दीप प्रज्वालित कर किया।
बड़े ही भाव के साथ शिवपूजन के ढोलक की थाप पर डॉ0रवि गुप्ता,महाराज जी,रवि कन्नौजिया,वीरेंद्र कुमार "महराज जी" ने भजनों से लोगो को झूमने पर मजबूर कर दिया।
श्याम बाबू ने कहा कि हम सबको ये जान लेना चाहिए कि भारत माता को दुनिया के सर्वोच्च शिखर पर पहुचाना है इसके लिए हम सबको केवल राजनीतिज्ञों य सत्ता के भरोशे नही रहना क्योंकि यह परिवर्तित होती रहती है इसके लिए हमे जाति बिरादरी मत सम्प्रदाय से ऊपर उठकर खुद को सनातनी बनना पड़ेगा और सामान्य से सामान्य व्यक्ति के मन मे आत्मविश्ववाश जगाने के लिए आगे आना होगा भारत का उत्थान ही मानव कल्याण और जगत कल्याण के मार्ग को प्रसस्त करेगा इस कार्य मे हमे सफलता मिलेगी इसके लिए विधर्मियो को समाप्त करने के लिए दैवीय शक्तियां सकारात्मक भूमिका में हमारे साथ खड़ी होगी।
हम सबने अपनी एकता के बल जिस राममंदिर के लिए संघर्ष किया और सफलता प्राप्त की यह कोई सामान्य बात नही है इस संघर्ष में हुए आंदोलनों ने हमारे साथ पंथ,भाषा,समाजिक स्तर,अमीर,गरीब,पढालिखा व अनपढ़ तबका भी खुद को संघर्षों में समाहित कर इतिहास बनाने में सहयोगी रहा और उन्हें मुहतोड़ जबाब दिया जिनको लगता था कि हिन्दू समाज अब सुसुप्त अवस्था मे ही रहेगा उन्हें लगता था कि हिन्दू समाज को हमने इतने भागो में बाट दिया कि अब इनका एक सूत्र में बंधना नामुमकिन है परंतु जिस निमित्त राष्ट्रीय स्वमसेवक संघ के द्वितीय सर संघचालक गुरु जी,पूज्य चिन्मयानंद,मास्टर तारा सिंह सहित देश भर के साधु सन्तो के सानिध्य विश्व हिंदू परिषद की स्थापना 29 अगस्त 1964 को संदीपनी आश्रम मुम्बई में श्रीकृष्ण जन्मास्टमी के दिन किया गया वह परिणाम हम सब नंगी आँखों से आज अपने पक्ष में देख पा रहे है!आज हिन्दू अपने आपमे गौरवांवित महसूस कर रहा है!
हम सब जानते श्रीराम एक सामाजिक समरसता व भारतीय संस्कृति,भारत की अस्मिता के प्रतीक है जहां उन्होंने माता शबरी की भक्ति और विश्वास को टूटने नही दिया वही अयोध्या वापस आते समय निषाद राज गुह्य जी से अयोध्या आने का अनुनय विनय बार बार करते रहे अब बात आती है कि आखिर निषाद राज को ही क्यों तब समझ मे आता है यह समाज एक निर्बल है और निषादराज उन सभी का प्रतिनिधित्व करते है इसी बहाने रामजी ने समाज मेअंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी सम्मान देने का अनुपम उदाहरण हम सबको दिया है रामजी का चरित्र जिसे हम जीवन मे उतारना चाहिए ताकि हमारा परिवार खुशहाली के साथ रह सके!
हम सबको चाहिए कि देश व समाज को सुरक्षित रखने व खुद धर्म के मार्ग पर चलने उससे जुड़े रहने के लिए परिवार के एक सदस्य को विहिप से जुड़ना होगा!
विश्व हिंदू परिषद देश ही नही दुनिया में रहने वाले हिंदुओ को अपना कार्यकर्ता मानकर उसकी चिंता करती है!संगठन ने जब जब देश धर्म समाज पर किसी के द्वारा कुठाराघात किया गया जो समाज का जागरण कर उसी के बल पर उन्हें उन्ही की भाषा मे जबाब देने का काम करती रहती है
आरती के लिए मुख्य रूप से जिला प्रचारक शैलेंद्र ,जिला सह कार्यवाह हेमन्त ,खण्ड प्रचारक शनि सहित विजय मौर्य,अंकित गांधी के कर कमलों हुआ।
समापन की घोषणा मठ के महंत स्वामी राम नयन दास जी ने सबका आभार ज्ञापित करते हुए स्थान की महत्ता को भी बताया कहा कि यह स्थान बहुत ही पुरातन व सात्विक है यहां दूर दूर से भक्त अपनी मनौती लेकर आते है और बाबा उनकी झोली भरते है सबको आशिर्वाद देते हुए समापन की घोषडा हुई तद्पश्चात भक्तो ने पंक्ति में लगकर प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम में प्रखण्ड संयोजक निखिल मोदनवाल,प्रखण्ड मंत्री विनीत सोनी,प्रदुम्म गुप्ता,सुरेन्द्र, बलराम, मिश्र,नकुल गौड़,अभिषेक उपध्याय,बृजेश यादव , सुनील निषाद, शुभम निषाद ,दुर्गेश निषाद ,मयंक निषाद , दीपक निषाद, शिवम वर्मा,प्रशान्त अग्रहरी,कमलेश गुप्ता,आदि मौजूद रहे।
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