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मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव  दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
         अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज के प्रसार को रोकने के लिये मिशन मोड में काम करने की जरूरत है। स्थिति सामान्य होने तक प्रदेश में पशु मेला, पशु बाजार, पशु पैठ का आयोजन तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया जाये। अंतर जनपदीय व अंतर राज्यीय, राष्ट्रीय सीमा से पशु परिवहन खास तौर नेपाल, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, छत्तीसढ़ पर रोक लगायी जाये। पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाये। गोवंश को आइसोलेट करने के लिये पर्दा व जाली का उपयोग किया जाये।
          उन्होंने कहा कि लम्पी वायरस से सुरक्षा के लिये प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हैं। वायरस से सुरक्षा के लिये पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाये। गत वर्ष बेल्ट वैक्सीन योजना के क्रियान्वयन से वायरस के प्रसार को पश्चिम से पूर्व जनपदों को रोकने में मदद मिली थी। इस बार पूर्व से पश्चिम के जनपदों में वायरस के प्रसार को रोकने के लिये पीलीभीत, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, मैनपुरी, इटावा में बेल्ट वैक्सीन योजना का क्रियान्वयन कराया जाये। इन जनपदों में 14 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2023 तक अभियान चलाकर शत-प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण कराया जाये।
          प्रदेश में वर्षा व बाढ़ की स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि जनपद के अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर राहत एवं बचाव कार्यों पर नज़र रखें। नदियों के जल स्तर की सतत् निगरानी रखें। जनहानि, पशुहानि, संपत्ति की हानि होने पर आपदा से प्रभावित व्यक्तियों एवं परिवारों को 24 घंटे के अंदर राहत सहायता वितरित की जाए। इसमें किसी भी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिये।
          उन्होंने कहा कि जल भराव की स्थिति में जल निकासी के लिए प्रभावी प्रबंध किए जाएं। अधिक वर्षा होने के कारण 33 प्रतिशत से अधिक हुए फसल क्षति का आकलन शीघ्र करा लिया जाये, ताकि प्रभावित किसानों को कृषि निवेश अनुदान का समय से वितरण किया जा सके। उन्होंने आपदा से प्रभावित व्यक्तियों एवं परिवारों को राहत वितरण के मामले में प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रसन्नता भी व्यक्त की।
        गड्ढामुक्ति अभियान की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि के अभियान के अन्तर्गत समस्त मार्गों को दशहरा/दीपावली के पूर्व गड्ढामुक्त किया जाना है। सभी जिलाधिकारियों द्वारा समस्त विभागों के गड्ढामुक्ति के कार्यों की साप्ताहिक प्रगति समीक्षा करते हुये जनपदों के सभी मार्गों को गड्ढ़ामुक्त किया जाये, कोई भी सड़क अवशेष नहीं रहनी चाहिए। इसके अतिरिक्त पूरे अभियान के दौरान विभागीय अधिकारियों, जिलाधिकारियों, मण्डलायुक्तों, लोक निर्माण के मुख्यालय द्वारा विभिन्न स्तर से गड्ढामुक्ति अभियान कार्यक्रम की समीक्षा एवं भौतिक सत्यापन कराते हुये कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जाये।
         दशहरा/दीपावाली व अन्य त्यौहारों के दृष्टिगत ऐसे मार्ग जहां बड़े मेले लगते हों, जुलूस स्थल, मूर्ति विर्सजन स्थल, अधिक भीड़ वाले मार्गों को वर्षा ऋतु के दौरान पत्थर से गड्ढ़ा भरते हुए गड्ढामुक्त बनाया जाये। मौसम अनुकूल होते ही पक्के पैच रिपेयर बनाए जाने की कार्यवाही प्राथमिकता पर किया जाए। सभी कार्यों की जियो टैगिंग अनिवार्य रूप से करायी जाये।
उन्होंने कहा कि पूर्व सृजित या नव सृजित किसी भी ब्लॉक कार्यालय या तहसील कार्यालय, जो 02 लेन से न जुड़ा हो, उसका प्रस्ताव तत्काल लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करा दिया जाये, ताकि उन्हें पं0 दीनदयाल उपाध्याय योजना से संतृप्त किया जा सके। इसी प्रकार चीनी मिल परिक्षेत्र में जर्जर स्थिति वाली सड़कों का चिन्हांकन करते हुये प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग को प्रेषित कर दिया जाये।
          उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की परियोजनाओं का कार्य समय पर पूरा होने से प्रदेश को फायदा होगा। सभी जिलाधिकारी परियोजना से सम्बन्धित भूमि अधिग्रहण, फारेस्ट क्लीयरेन्स, वृक्षों के कटान तथा अन्य प्रकरणों आदि की समीक्षा कर निर्धारित समय-सीमा में सभी प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित करायें।
          अधिवक्ताओं की हड़ताल के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि आमजन को असुविधा होना ठीक नहीं है। सभी मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी अपने स्तर पर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर उन्हें वस्तुस्थिति तथा अब तक सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों से अवगत करायें।
           उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री के कोई भी कार्यालय बंद नहीं होने चाहिये। रजिस्ट्री के कार्य पूरी गति से होने चाहिये। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है, आवश्यकता होने पर रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्तियों को शासकीय अधिवक्ताओं व अन्य माध्यमों से मदद उपलब्ध करायी जाये। सभी शासकीय अधिवक्ताओं से वार्ता कर ली जाये। मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी समीक्षा कर यह सुनिश्चित करें कि तहसील, जनपद, मण्डल स्तरों के कोर्ट सुचारु रूप से चलें और सभी कार्यवाईयां नियमित रूप से हो।
           बैठक में उन्होंने आयुष्मान भवः अभियान, पीएम विश्वकर्मा योजना, ई-खसरा पड़ताल की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भवः अभियान को सफल बनाने के लिये सभी सीडीओ व सीएमओ पूरी तरह सक्रिय हो जाये। अभियान के तहत किये जा रहे कार्यों को पोर्टल पर अवश्य अपलोड किया जाये। ट्रेनिंग का कार्य समय से पूरा हो जाये और प्रशिक्षण की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिये।
            सीएचसी व पीएचसी स्तर पर आयोजित होने वाले आयुष्मान मेले के लिये मेडिकल कॉलेजों के जूनियर व सीनियर डॉक्टर व मेडिकल छात्रों की जरूरत के हिसाब से मैपिंग करा दी जाये। इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक लोगों तक लाभ पहुंचाया जाये।
             उन्होंने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना 17 सितम्बर को शुभारंभ हो रहा है, इसी के साथ योजना का पोर्टल भी लांच किया जायेगा। पोर्टल लांच होने के उपरान्त अधिक से अधिक लोगों का पंजीकरण कॉमन सर्विस सेण्टर के माध्यम से कराया जाये। ई-खसरा पड़ताल के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि पंजीकृत सभी सर्वेयर को क्रियाशील कराया जाये। प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करने के लिये जनपद स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सर्वेयर को सम्मानित किया जाये।
         उन्होंने कहा कि मण्डल एवं जनपद स्तर के सभी कार्यालय स्वच्छ, सुन्दर व हरित होने चाहिये। सभी मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ सभी कार्यालयों में 60 दिनों का विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाये। इस दौरान रंगाई-पुताई व पत्रावलियों को बीड आउट करने सम्बन्धी कार्य कराये जायें। सभी कार्यालय व रिकार्ड रूम साफ-सुथरे व व्यवस्थित होने चाहिये। दो माह के उपरान्त सबसे स्वच्छ कार्यालय को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाये।
           संचारी रोगों के संबंध में उन्होंने कहा कि संवदेनशील जनपदों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। संचारी रोगों की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग यूडीएसपी पोर्टल पर की जाये। पोर्टल के डैसबोर्ड के माध्यम से आउटब्रेक गतिविधियों पर निगरानी रखी जाये। हाईरिस्क एरिया पर विशेष ध्यान दिया जाये। ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स पर्याप्त मात्रा में रहे। लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाये। जागरूकता के लिये अस्पतालों में हैण्डबिल्स का वितरण व सार्वजनिक स्थानों पर होर्डिंग्स आदि लगवाये जायें।
          इससे पूर्व, सीडीओ वाराणसी श्री हिमांशु नागपाल ने ‘लैब मित्र’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से सभी पीएचसी, सीएचसी एवं सरकारी अस्पतालों को जोड़ा गया है। इस पोर्टल के माध्यम से लोगों को टेस्ट के लिए एप्वाइंटमेंट लेने तथा मोबाइल पर टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। अब तक 41,327 लैब रिपोर्ट को लाभार्थियों को भेजा चुका है।
           इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा प्रयास है। इससे अस्पतालों में लोगों के समय की बचत होगी और अस्पतालों में अनावश्यक भीड़ से निजात भी मिलेगी। इस प्रकार का प्रयोग कर लोगों की जिन्दगी को आसान एवं सुविधानजनक बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस पोर्टल का अध्ययन कर पूरे प्रदेश में लागू कराया जाये।
           इस मौके पर अपर मुख्य सचिव कृषि  देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव पशुधन  रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई  अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव राजस्व  सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  पार्थसारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव लोक निर्माण  अजय चौहान, सचिव कृषि  राजशेखर, सचिव एमएसएमई  प्रांजल यादव, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद  मनीषा त्रिघाटिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।


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