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एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं की वजह से होने वाला प्रदूषण सभी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती - जिलाधिकारी आजमगढ़

आजमगढ़ 28 जून-- जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने बताया कि एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं की वजह से होने वाला प्रदूषण सभी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती बन गया है। भारत एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2019 में आयोजित चौथे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में वैश्विक समुदाय के सामने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के प्रदूषण के संबन्ध में भारत ने इस प्रदूषण से निपटने से संबंधित एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे चौथी संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा द्वारा स्वीकार किया गया। देश में नदियों के माध्यम से तथा सीधे होने वाले समुद्री प्रणालियों के प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम हेतु भारत अपने समुद्री हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं तथा भारत द्वारा समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन, 1982 के तहत अनिवार्य नियम-आधारित समुद्री प्रणालियों के रख-रखाव का समर्थन भी किया गया है। स्थलीय एवं जलीय इकोसिस्टम पर बिखरे हुए प्लास्टिक के कचरे के प्रतिकूल प्रभावों के दृष्टिगत वर्ष 2022 तक एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किये जाने के उद्देश्य से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2021 को अधिसूचित कर दिया है। यह नियम वर्ष 2022 तक कम उपयोगिता और कचरे के रूप में बिखरने की अधिक क्षमता रखने वाली एकल उपयोग की प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित करता है। स्थलीय एवं जलीय इकोसिस्टम पर बिखरे हुए प्लास्टिक के कचरे के प्रतिकूल प्रभावों विशेषकर माईक्रो-प्लास्टिक के मानव आहार श्रृंखला में पाये जाने की रोकथाम में नगर निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 
उक्त के दृष्टिगत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा नगर विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेश के अन्तर्गत दिनांक 29 जून 2022 से 03 जुलाई 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक के एकत्रीकरण, पुनर्चक्रण तथा उसके सम्बन्ध में लगाये गये प्रतिबन्ध को प्रभावी तरीके से लागू कराये जाने के उद्देश्य से वृहद जन जागरूकता अभियान “RACE” (Reduction, Awareness Circular (Solutions) & (Mass) Engagement) आयोजित कराये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रश्नगत श्त्।ब्म्श् कार्यक्रम के दो अंग होंगे, जिसमें प्रदेश के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थल, बस अड्डे, बाजार, मण्डी, रेलवे लाईन व रेलवे स्टेशन, कार्यालय परिसरों, शैक्षिक संस्थानों के परिसरों, खाली पड़ी भूमि, घाट एवं नदी-नालों के किनारे इत्यादि स्थलों पर व्यापक जन सहयोग एवं राजकीय संसाधनों की सहायता से प्लास्टिक अपशिष्ट को एकत्रित कराते हुए उसे ब्राण्ड ओनर्स एवं री-साईक्लर्स के माध्यम से निस्तारित कराया जाना है। प्रदेश के अन्तर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबन्ध के सम्बन्ध में वृहद जन  ागरूकता अभियान चलाया जाना है। 
उपरोक्त “RACE” कार्यक्रम सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में प्रभावी रूप से चलाया जायेगा, जिसके लिए सम्बन्धित नगर निकाय नोडल संस्था होंगी। प्रश्नगत “RACE” कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर निकायों द्वारा सफाई कर्मियों, एनसीसी कैडेट, राष्ट्रीय सेवा योजना, स्काउट गाईड, युवक मंगल दल, नागरिक संगठनों, स्वयं सेवी संस्थाओं, युवाओं, स्कूल-कालेजों तथा जनसामान्य आदि का सहयोग प्राप्त किया जाना है। जिले स्तर पर “RACE” कार्यक्रम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कराये जाने हेतु अपर जिलाधिकारी/प्रभारी नगर निकाय नोडल अधिकारी होंगे, जिनके द्वारा स्वच्छ भारत मिशन नगरीय/ग्रामीण की जिले स्तर पर उपलब्ध परामर्शदाताओं के माध्यम से जिले स्तर पर सम्पूर्ण अभियान का नियोजन, क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जायेगा। “RACE” कार्यक्रम में उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अभियान के दौरान एकत्र किये गये प्लास्टिक अपशिष्ट के पुनर्चक्रण एवं निस्तारण सुनिश्चित कराये जाने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उक्त कार्य हेतु उप्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समस्त जिलों में नोडल अधिकारी नामित करते हुए ब्राण्ड ओनर्स एवं रिसाईक्लर्स के सहयोग से Extended Producer Responsibility सम्बन्धी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की अधिसूचना के प्राविधानों के अनुरूप एकत्र किये गये प्लास्टिक अपशिष्ट का पुनर्चक्रण एवं निस्तारण सुनिश्चित कराया जायेगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग तथा नगर विकास विभाग द्वारा नोडल अधिकारी के माध्यम से राज्य स्तर पर सम्पूर्ण अभियान का नियोजन क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जायेगा। 
उक्त के अतिरिक्त इन विभागों द्वारा द्विपक्षीय संस्थाओं जैसे जीआईजेड इण्डिया एवं अन्य स्वयं सेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त करते हुए वृहद जन जागरूकता हेतु कार्यक्रम भी आयोजित कराये जायेंगे। “RACE” कार्यक्रम के समापन दिवस दिनांक 03 जुलाई 2022 को “अन्तर्राष्ट्रीय प्लास्टिक कैरीबैग मुक्त दिवस“ के सुअवसर पर राज्य स्तर पर प्लास्टिक वेस्ट के समाधानों एवं सफल प्रयोगों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त किये जाने हेतु ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को आमंत्रित कर एक दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित करायी जायेगी। 
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि प्रकरण में समस्त सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रश्नगत “RACE” कार्यक्रम हेतु आवश्यक नियोजन एवं अनुश्रवण कर कार्यक्रम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। 

-------जि0सू0का0 आजमगढ़-28.06.2022--------


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