नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का समापन
कादीपुर । कस्बे के जूनियर हाईस्कूल मैदान में पिछले अठारह वर्ष से लगातार होने वाली नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का भव्य समापन हुआ ।
समापन अवसर पर बोलते हुए बाबा बजरंगदास ने कहा कि - रामकथा व्यक्ति के भीतर संस्कार पैदा करती है । अच्छे संस्कारों से चरित्र निर्माण होता है । चरित्रवान व्यक्ति ही राष्ट्र निर्माण में सहायक होता है । रामकथा व्यक्ति की उन्नति के साथ साथ राष्ट्रीय उन्नति में भी सहायक है ।
इससे पूर्व बाल व्यास सम्पूर्णानंद ने प्रवचन करते हुए कहा कि स्वर्ग जाने के लिए नहीं बल्कि स्वर्ग को धरती पर लाने के लिए कथा श्रवण करना चाहिए । प्रभु से संसार को मांगने वाला अधम व ईश्वर को मांगने वाला श्रेष्ठ होता है । उन्होंने बताया कि अवध क्षेत्र का अपना एक अलग आध्यात्मिक महत्व है क्योंकि अयोध्या नगरी राम जी को बैकुंठ से भी प्यारी है ।
संचालन आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह'जटायु' ने किया ।
कोविड काल में सकुशल कथा सम्पन कराने हेतु बाबा बजरंगदास ने व्यास पीठ से संयोजक सुरेन्द्र प्रताप सिंह को माला पहनाकर सम्मानित किया ।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए रामकथा आयोजन समिति के सदस्य ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह 'रवि' ने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी कथा सम्पन कराने हेतु सभी लोगों का सराहनीय सहयोग रहा है ।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुशील कुमार पाण्डेय'साहित्येन्दु' ने रामकथा विषयक अपने कई ग्रंथ प्रवचनकर्ता बाबा बजरंगदास को समर्पित किया ।
समापन समारोह में एडवोकेट गिरीश तिवारी , धीरेन्द्र सिंह सुपर , आनंद जायसवाल , रामू मोदनवाल , कौशल सिंह व सुरजीत सिंह समेत अनेक प्रमुख लोग मौजूद रहे ।
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