पंचायत आरक्षण सूची को लेकर यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने दिया राहत....
दिल्ली। यूपी पंचायत चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने को कहा है। थोड़ी देर पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। इसके बाद सभी की निगाहें आरक्षण लिस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई पर लगी थीं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि हाइकोर्ट में मुख्य दलीलों को नहीं सुना गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 1995 की आरक्षण सूची के आधार पर चुनाव करना बेहतर प्रयास था लेकिन उसको बदल दिया गया। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम काेर्ट ने मामले में दखल देेने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता से हाईकोर्ट जाने को कहा।
आज ही फाइनल आरक्षण सूची भी जारी हो रही है। हालांकि कुछ जिलों में गुरुवार देर रात को ही लिस्ट जारी कर दी गई है। अब ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले में दखल देने से इनकार के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार यूपी के 75 जिलों में पंचायत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। पहले कहा जा रहा था कि पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज होने वाली सुनवाई के बाद ही आयोग अपने अगले कदम के बारे में कोई निर्णय करेगा ।
लेकिन इस सुनवाई के थोड़ी देर पहले ही लखनऊ में राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। गौरतलब है कि बीते 15 मार्च को हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेश के खिलाफ सीतापुर जिले के बिसवां के दिलीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार तथा पंचायती राज विभाग के साथ-साथ राज्य निर्वाचन आयोग भी पक्षकार बनाया गया था। लिहाजा भावी प्रत्याशियों के साथ-साथ उनके कार्यकर्ताओं की निगाह भी सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर लगी हुई थी।
हाईकोर्ट के फैसले पर बनी नई सूची
हाईकोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिन पहले ही पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए। इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है और अब उसी को आधार मानकर अंतरिम आरक्षण सूची भी जारी कर दी गई है।
इन जिलों में गुरुवार को ही जारी हो गई थी फाइनल लिस्ट
गुरुवार को तमाम छोटे जिलों में जहां आपत्तियां कम थी वहां आरक्षित-अनारक्षित सीटों की अंतिम सूची का प्रकाशन कर दिया गया जबकि ज्यादातर बड़े जिलों में सूची को अंतिम रूप दिए जाने का कार्य देर शाम तक जारी रहा। शुक्रवार को इन सभी बचे हुए जिलों की ओर से भी वहां की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गई। आज ही सभी 75 जिलों का पूरा ब्यौरा जिलाधिकारियों की ओर से पंचायती राज विभाग को ऑनलाइन भेजा जा रहा है।
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