Religion and Culture / धर्म और संस्कार

लड़कियों के शादी के बाद कैसे बदल जाती है उनकी जिन्दगी आइये आज इस खबर के जरिये जानते हैं कि क्या.....

शादी के बाद जिंदगी बदल जाती है। ये चीज खासतौर पर महिलाओं के बारे में जरूर कही जा सकती है। जिस दिन से वे शादी करके ससुराल की दहलीज में कदम रखती हैं, उसी पल से उनके व्यक्तित्व में कई बदलाव आने लग जाते हैं। हर कदम पर व्यक्ति में कोई न कोई बदलाव आता ही है। कुछ वजह तो उनकी  परवरिश होती है, तो कुछ उसके आसपास मौजूद स्थितियां। इस वजह से छोटी उम्र से बड़े होने तक उसका व्यक्तित्व वो रूप लेता है, जो उसकी पहचान बन जाती  है।
 हालांकि, बदलाव का ये सिलसिला यहीं नहीं रुकता, क्योंकि रिश्तों के खातिर भी लोग खुद में बहुत चेंज लाते हैं। खासतौर से शादी कर लेने के बाद, ताकि शादीशुदा जिंदगी की गाड़ी पटरी पर बनी रहे।यही वजह होती है कि कई बार लव मैरिज करने वाले कपल्स भी एक-दूसरे के डेटिंग पीरियड को याद करते हैं, तो कहते हैं कि उनके साथी अब बहुत बदल गए हैं। खासतौर से महिलाओं के मामले में तो ये बहुत बार कहा जाता है। बड़े होने पर भी व्यक्ति अपने पैरंट्स के लिए हमेशा बच्चा ही रहता है। यही वजह है कि लड़कियां जब अपने माता-पिता के घर रहती हैं, तो उनके व्यवहार में कहीं न कहीं बचपना दिख जाता है, क्योंकि उन्हें वहां इतना लाड प्यार मिलता है।
हालांकि, शादी के बाद उनके स्वभाव में गंभीरता ज्यादा आ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि वह इस बात को अच्छे से समझती हैं कि नए रिश्तों के साथ उनके पास नई जिम्मेदारियां भी जुड़ गई हैं।शादी से पहले हम खूब घूमते थे, लेकिन अब पत्नी मेरे लिए समय ही नहीं निकालती। वह बदल गई है।' अगर आप भी उन शादीशुदा पुरुषों में से एक हैं, जो इस तरह की शिकायत करते हैं, तो ये जान लें कि आपकी पत्नी में आया ये बदलाव एक वजह से है।
  शादी से पहले उनके पास काफी समय होता था, लेकिन शादी के बाद उनके पास घर की जिम्मेदारी है, जिसे पूरा करना उनकी पहली प्राथमिकता बन जाती है। खासतौर से अगर बच्चा हो जाए, तब तो ज्यादातर समय उसी की देखरेख में चला जाता है और डेट पर जाने की उनके पास हिम्मत ही नहीं रह जाती।ज्यादातर लड़कियों का शादी के बाद पहनावा भी काफी बदल जाता है। जो लड़की पहले शॉर्ट्स और जींस ऐंड स्कर्ट में घूमा करती थी, वो हो सकता है शादीशुदा हो जाने के बाद सूट या साड़ी में नजर आए। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आज भी ज्यादातर परिवारों में बहुओं के कपड़ों को लेकर टिपिकल सोच रखी जाती है।
 ये सामाजिक दबाव के कारण भी होता है। सास-ससुर को अगर अपनी बहू के कपड़ों से दिक्कत न भी हो, तो रिश्तेदार और पड़ोसी 'अरे आपकी बहू कैसे कपड़े पहनती है' जैसे ताने देने में पीछे नहीं रहते। इस तरह के प्रेशर के चलते अधिकतर महिलाएं, ग्लैम टच लिए कपड़ों को बाय-बाय ही बोल देती हैं।
आपने शायद ये चीज अपने आसपास ही देखी होगी कि शादी के बाद ज्यादातर महिलाओं की अपीयरेंस में भी चेंज आ जाते हैं। इसके पीछे की बड़ी वजह उनका खुद पर ध्यान न दे पाना है।
आज भी ज्यादातर घरों में महिला पर ही सारी चीजों की जिम्मेदारी होती है। वह अगर कामकाजी है, तो वह खुद पर ध्यान नहीं दे पातीं, जो उनके वजन को बढ़ा देता है या फिर घटा देता है। साथ ही में ब्यूटी केयर का भी टाइम माइनस कर देता है ।।


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