Religion and Culture / धर्म और संस्कार

सूर्य ग्रहण थोडी देर में, समय1 बजकर 41 मिनट से सायंकाल 6 बजकर 42 मिनट पर समाप्ती,12 राशियों पर होगा यह प्रभाव..

        वाराणसी। वर्ष 2021 खगोलीय नजरिये से काफी महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि पूरे वर्ष में चार ग्रहण लग रहें है. जिसमें दो सूर्य और दो चंद्रग्रहण शामिल हैं. लेकिन ग्रहणों से भारत का वास्ता इसलिए नहीं हैं, क्योंकि इनमें से कोई भी ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. अभी 26 मई को वर्ष का पहला चंद्रग्रहण भी ऐसा ही बीता है, तो अब आने वाले 10 जून को सूर्यग्रहण के साथ भी ऐसा ही होने वाला है. चूंकि यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा इसलिए इससे होने वाला प्रभाव भी यहां नहीं रहेगा और न ही 10 जून के दिन पड़ने वाले अन्य दो त्योहार वट सावित्री और शनि जयंती को मनाने पर ही सूर्यग्रहण का असर रहेगा. लेकिन ज्योतिषविद् 15 दिनों के भीतर दो ग्रहण की घटनाओं को प्राकृतिक उथल-पुथल में बड़ी वजह मान रहें हैं। 10 जून को लगने वाले सूर्यग्रहण और उसके प्रभावों के बारे में जानकारी देते हुए काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय बताते हैं कि इस वर्ष कुल चार ग्रहण लगेंगे. जिसमें 2 सूर्य और 2 चंद्रग्रहण है.
      इस वर्ष का यह पहला सूर्यग्रहण जो ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या गुरुवार 10 जून को लगने जा रहा है. यह सूर्यग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं हैं. इसका समय 1 बजकर 41 मिनट से है और सायंकाल में 6 बजकर 42 मिनट पर इसकी समाप्ती है. यह सूर्यग्रहण उत्तरी अमेरिका, एशिया और यूरोप देशों में देखा जा सकता है, लेकिन यह भारत में नहीं दिखेगा.
    धर्म ग्रंथों में सूतक और धार्मिक मान्यताओं में की गई चर्चा के मुताबिक भारत में लागू नहीं होगा। 5 घंटे के सूर्यग्रहण के दौरान 3 मिनट 42 सेकंड तक इसकी कंकणाकृति जिसमें रिंग बनता है दिखाई पड़ेगा, जिसे ज्योतिष में वलयाकार भी कहते हैं. उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष लगने वाले दो सूर्य और दो चंद्रग्रहण में से कोई भी भारत में दिखाई नहीं पड़ेगा और अभी 15 दिनों के अंदर दो ग्रहण 26 मई को चंद्रग्रहण और अब 10 जून को सूर्यग्रहण और इसके मुताबिक शनि वक्री स्थिति से वर्तमान समय में भूस्खलन, भूकंप, मौसम में परिवर्तन, तूफान, शीतल हवाएं चलना दिखाई पड़ेगा.
      इसके अलावा वर्ष का राजा मंगल और मंत्री भी मंगल है इसलिए मन में घबराहट, रोग, व्याधि, सैन्य तनाव, युद्ध और रक्त की धारा भूमंडल में कहीं न कहीं गिरती है, ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। इसके अवाला ज्योतिषार्च पंडित दीपक मालवीय ने बताया कि 10 जून सूर्य ग्रहण वाले दिन दो मुख्य पर्व वट सावित्री और शनि जयंती भी पड़ रहा है. लेकिन चूंकि सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिख रहा है तो इन पर्वों पर भी इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
      गुरुवार 10 जून 2021 को सूर्य ग्रहण है. यह ग्रहण कंकणाकृती सूर्य ग्रहण कहलायेगा। यह शाश्वत सत्य है कि ग्रहण का प्रभाव मनुष्य के जीवन पर अवश्य पड़ता है. विभिन्न राशियों के जातक पर इसका कुछ खास असर भी पड़ेगा. यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र एवं वृषभ राशि पर अपना विशेष छाप छोड़ेगा अर्थात सबसे ज्यादा प्रभावित वृषभ राशिवाले ही होंगे।

12 राशियों पर ग्रहण का प्रभाव इस प्रकार पड़ेगा

मेष: इस राशि के जातक के लिए लाभ की स्थिति बनी रहेगी तथा धन का लाभ मिलना सुनिश्चित है.

वृष राशिवाले जातक को केवल नुकसान होगा, इसलिए सावधानी अपेक्षित है. वृष राशि वाले जातक को मान-सम्मान, धान, पद-प्रतिष्ठा, वाहन, भूमि भवन इत्यादि का नुकसान हो सकता है. वृषभ राशि के जातक को चाहिए कि वह कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय अभी ना लें तो सर्वोत्तम रहेगा.

मिथुन राशिवालों को भी कुछ लाभ मिलने वाला नहीं है, बल्कि केवल नुकसान ही होनेवाला है. मिथुन राशिवाले इसकाल में कोई भी निर्णय लेने से बचें तो उत्तम रहेगा.

कर्क राशि वालों के लिए ये ग्रहण शुभ है. चारों दिशाओं से लाभ भी प्राप्त होगा.

सिंह राशि वाले धन का प्रचुर मात्रा में मिलना निश्चित है.

कन्या राशिवालों को भी सर्वाधिक लाभ अवश्य प्राप्त होगा.

तुला राशि वाले आपके दोनों हाथों में लड्डू रहनेवाला है अर्थात जो भी करेंगे उससे लाभ अवश्य प्राप्त होगा.

वृश्चिक राशिवाले आपके लिए नुकसान है इसलिए सावधानी अपेक्षित है.

धनु राशिवाले लाभ के अनेक अवसर प्राप्त होंगे.

मकर राशिवाले धन, पद-प्रतिष्ठा इत्यादि का विशेष लाभ प्राप्त होगा.

कुंभ राशिवाले कुछ खास प्राप्त होनेवाला है, इसलिए समय का लाभ उठाएं.

मीन राशिवाले आपको चारों दिशाओं से लाभ प्राप्त होगा.

पंडित ऋषि दीक्षित ने बताया कि कंकणाकृती सूर्यग्रहण से प्रभावित व्यक्ति सूर्य मंत्र का जप करें “ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जप करना श्रेयस्कर रहेगा।


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