साक्षात्कार के दौरान सकारात्मक रहना महत्वपूर्ण: प्रो पुरोहित
जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचलविश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रकोष्ठद्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला "हाउ टू फेस इंटरव्यू: डूज एंडडोंट्स" विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए दून विश्वविद्यालय, देहरादूनमें स्कूल आफ मैनेजमेंट के डीन प्रोफेसर एच सी पुरोहित ने कहा कि साक्षात्कार केदौरान पहनावे से लेकर हमारे चेहरे की भाव-भंगिमा भी हमारे प्रदर्शन में बहुतमहत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए साक्षात्कार के दौरान हमारापहनावा पेशे के अनुरूप फॉर्मल एवं साफ सुथरा हो और मानसिक स्थिति सकारात्मक होनीचाहिये.उन्होंने कहा कि सफलता अर्जित करने के लिएआवश्यक है कि हम अपनी क्षमता का बेहतर प्रदर्शन करें, क्योंकिइस दौरान हमारे ज्ञान और कौशल की परख तो होती ही है साथ ही हमारे आत्मविश्वास, समस्याओंसे जूझने और उनको हल करने की हमारी काबिलियत, तनाव को सहनकरने की शक्ति एवं तनावपूर्ण वातावरण को स्वस्थ वातावरण में परिवर्तित करने कीकला आदि भी परखी जाती है.प्रोफेसर पुरोहित ने कहा कि साक्षात्कार केदौरान हमको अपनी अच्छाइयों और उपलब्धियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन करना होता है औरइसके लिए जो ज्ञान और शिक्षा हमने अध्ययन के दौरान प्राप्त की है उसकी प्रस्तुतिबेहतर करने की कोशिश होनी चाहिए. साक्षात्कार की शुरुआत अपनी रुचि, प्रेरणासे करें और फिर संचार एवं संवाद की क्षमता, नेतृत्व करने कीक्षमता, समय प्रबंधन, प्रतिस्पर्धात्मकक्षमता, टीम में काम करने की क्षमता आदि को स्पष्ट करतेहुए पूर्ण आत्म विश्वास से आगे बढ़े. प्रो पुरोहित ने कहा कि साक्षात्कार केदौरान बिल्कुल भी घबराहट या नकारात्मकता आपके चेहरे पर, मनमस्तिष्क में कहीं होनी नहीं चाहिए क्योंकि जीवन में नकारात्मकता ही व्यक्ति कोपीछे धकेलती है हमको सकारात्मक सोच के साथ जीवन में आगे बढ़ना होगा इसलिएसाक्षात्कार के दौरान सकारात्मक होना बहुत आवश्यक है.इस अवसर पर विश्वविद्यालय ट्रेनिंग एंडप्लेसमेंट प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर अविनाश डी पाथर्डीकर ने कहा कि हमारी कोशिशहै कि विद्यार्थियों को हर प्रकार के कौशल से युक्त किया जाए और प्लेसमेंट के लिए भीहम हर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के लिए उनके कौशल और क्षमता के अनुरूप कंपनियोंको आमंत्रित करेंगे. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों केव्यक्तित्व विकास, संवाद कला को विकसित करने एवं उन्हें अधिकसृजनशील बनाने के लिए लगातार कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी.कार्यक्रम का संचालन डॉ आशुतोष कुमार सिंह,स्वागत प्रो. अविनाश पाथर्डीकर एवं धन्यवाद डॉ राकेशउपाध्याय ने किया. इस अवसर पर डॉ अंजनी मिश्र , डॉ सुशील सिंह, डॉअमित वत्स, डॉ निशा पांडेय, दीपांजलि, प्रिंस सिंह, डॉ इंद्रेश गंगवार एवं नितिन चौहान उपस्थित थे.
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