अतरौलीया में हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया.डाला छठ का त्योहार
अतरौलीया में पूरब पोखरा पर डाला छठ का त्योहार हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया.
अतरौलिया पूरब पोखरा पर परंपरा अनुसार महिलाओं ने डाला छठ लॉल री छठ के मद्देनज़र 7 नवंबर सात नंबर को व्रत रखा जो 8 नवंबर प्रातः काल सूर्योदय होते ही सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत को तोड़ा जाता है!
पुत्र और पति के दीर्घायु एवं उज्जवल भविष्य हेतु अनेक व्रत एवं त्यौहार समाज में प्रचलित है जिसमें डाला छठ का महत्वपूर्ण स्थान है! यह त्यौहार मुख्य रूप से बिहार प्रांत का महत्वपूर्ण त्यौहार है और धीरे-धीरे डाला छठ का त्यौहार पूरे भारत में अपना पर प्रसार लिया है श्रद्धा आस्था और अस्मिता से जुडा होने के कारण यह पर्व विशेष उत्सव एवं उमंग के साथ मनाया जाता है वास्तव में यह भगवान सूर्य की आराधना पूजा अर्चना का पर्व है. जो विशेष फलदायक है आज महिलाएं समूह में एकत्रित होकर परंपरागत परिधानो सुहाग के जोड़ों में सज धज कर मंगल गीत गाते हुए बजे बजे के साथ घाटों पर पहुंचती हैं और सूर्यास्त के पर्व जल के भीतर खड़ा होकर भगवान सूर्य से मंगलमय की कामना करती हैं और सूर्योदय के बाद यह पर्व समापन हो जाता है।
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