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रूस-यूक्रेन युद्ध में आजमगढ़ के युवक की मौत नौकरी के नाम पर जंग लड़ रहा था कन्हैया


लखनऊ। प्रदेश में आजमगढ़ के रहने वाले एक और युवक की रूस-यूक्रेन वार में मौत हो गई है। यह युवक रूस की ओर से युद्ध लड़ रहा था। इस युवक को भी नौकरी का झांसा देकर आजमगढ़ से दिल्ली और फिर वहां से रूस भेजा गया था। अब इस युवक की मौत की खबर आने के बाद जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। मृत युवक की पहचान आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र में बनकटा गांव के रहने वाले कन्हैया यादव (42) के रूप में हुई है। उन्हें दिल्ली में बैठे रूस के एजेंटों ने नौकरी का झांसा दिया था। उन्हें बताया गया था कि रसिया में उन्हें कुकिंग का काम करना है। इन एजेंटों के झांसे में आकर वह रूस पहुंचे तो वहां उन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग देकर युद्ध में धकेल दिया गया। कन्हैया की तैनाती फ्रंटलाइन पर भारतीय युवाओं की टोली में हुई थी। यह टोली यूक्रेन से जंग लड़ रही थी। इतने में ड्रोन अटैक के दौरान कन्हैया यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें लंबे समय तक इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना के काफी समय भारतीय दूतावास से परिवार को कन्हैया की मौत की जानकारी मिली। इसके बाद 23 दिसंबर को कन्हैया यादव का शव रूस से वाराणसी एयरपोर्ट भेजा गया, जहां से प्रशासन ने परिजनों को सौंपा हैं। रूस यूक्रेन युद्ध में कन्हैया यादव अकेले भारतीय सैनिक नहीं थे। बताया जा रहा है कि इस युद्ध में सैकड़ों की तादात में भारतीय युवाओं को धकेला गया है। इनमें आजमगढ़ के ही युवाओं की संख्या काफी है। मामला प्रकाश में आने के बाद हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी व बलबीर सिंह समेत कई सांसदों ने विदेश मंत्रालय से बातचीत की है। इसमें सांसदों ने भारतीय युवाओं को रूस से भारत लाने की मांग की है। करीब एक महीने पहले आजमगढ़ के ही एक अन्य सैनिक राकेश यादव रूस से वापस लौटे थे। उन्होंने बताया था कि कैसे दिल्ली में बैठे एजेंट लोगों को गुमराह कर रूस यूक्रेन युद्ध में झोंक रहे हैं।


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