उत्तर प्रदेश में परिवर्तन का दौर शुरू करेगी भाजपा
लखनऊ। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान परिषद, राज्यसभा और लोकसभा चुनाव से नेतृत्व में पीढ़ी परिवर्तन का दौर शुरू करेगी। पार्टी कई सालों से सीटों पर जमे सांसद और परिषद सदस्यों की जगह नए और युवा चेहरों को नेतृत्व का मौका देगी, जो आगामी 15-20 वर्षों तक पार्टी का नेतृत्व कर सकें। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जगह पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा, मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की जगह विष्णुदेव साय को पार्टी ने नेतृत्व सौंपा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पार्टी नेतृत्व ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़ी रणनीति के तहत नेतृत्व का पीढ़ी परिवर्तन किया गया है। प्रदेश में फरवरी 2024 में विधान परिषद की शिक्षक एवं स्नातक क्षेत्र की 5 सीटों पर चुनाव होना है। अप्रैल-मई में लोकसभा की 80 सीटों पर चुनाव होगा। अप्रैल 2024 में राज्यसभा की भी 10 सीटों पर चुनाव होगा। मई में परिषद की विधानसभा क्षेत्र की 13 सीटों पर चुनाव होगा। पार्टी के एक उच्च पदस्थ सूत्र का कहना है कि विधान परिषद की कुल 18, राज्यसभा की 10 और लोकसभा की 80 सीटों पर चुनाव से पार्टी नए नेतृत्व को मौका देने की शुरुआत करेगी। जातीय समीकरण साधते हुए इन सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। इसमें महिला और युवाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। इनमें पंचायतीराज और नगरीय निकाय संस्थाओं के जनप्रतिनिधि, सहकारी संस्थाओं में चुने हुए प्रतिनिधि, पार्टी के पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी भी शामिल होंगे। इनके जरिये पार्टी प्रदेश में अगड़े, पिछड़े, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में अपनी नई लीडरशिप भी तैयार करेगी। पार्टी जिन्हें फिर से विधान परिषद, लोकसभा या राज्यसभा जाने का मौका नहीं देगी, उन्हें भी संगठन से जुड़ी कोई न कोई जिम्मेदारी दी जाएगी।
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