उपराष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को अर्पित की श्रद्धांजलि, पूर्व प्रधानमंत्री पर लिखी तेलगू पुस्तक का भी किया विमोचन
●उपराष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि अर्पित की
●पूर्व प्रधानमंत्री के निर्भीक आर्थिक सुधारों ने देश के विकास में तेजी लाने में सहायता की
●श्री राव ने कई चुनौतियों के बीच देश का नेतृत्व किया
●उपराष्ट्रपति ने नरसिम्हा राव पर तेलुगू में एक पुस्तक का विमोचन किया
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके द्वारा आरंभ किए गए निर्भीक आर्थिक सुधारों ने देश के विकास में तेजी लाने में सहायता की।
हैदराबाद में वरिष्ठ पत्रकार ए. कृष्णा राव द्वारा लिखी गई ‘विप्लव तपस्वी : पीवी’ नामक एक तेलुगू पुस्तक का विमोचन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब श्री नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री का कार्यभार ग्रहण किया, उस वक्त देश गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा था।
उन्होंने कहा कि बहरहाल, श्री राव ने कई राजनीतिक विद्वानों की अपेक्षाओं से बढ़कर कार्य किया और अपने कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियों के बीच देश का प्रभावी रूप से नेतृत्व किया।
श्री नायडू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एक चतुर प्रशासक थे। हालांकि, उनके द्वारा कार्यान्वित कई नीतियों से सहमत नहीं भी हुआ जा सकता है, उनके द्वारा की गई कुछ बड़ी पहलें देश के व्यापक हित में थीं। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन में भारत के प्रवेश को सुगम बनाया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री नरसिम्हा राव ने कई कार्य किए जिनमें लाइसेंस राज का खत्मा, बैंकिंग सुधार, बिजली निजीकरण, दूरसंचार आधुनिकीकरण शामिल हैं और निर्यातों के बढ़ावा देने तथा विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कदम उठाए। उन्होंने कृषि क्षेत्र में सुधार आरंभ किया तथा खाद्यान्नों के परिवहन पर प्रतिबंधों को हटाया।
श्री नायडू ने स्मरण किया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों के जरिए स्थानीय निकायों को भी सशक्त बनाया। पूर्व प्रधानमंत्री को एक बहुपक्षीय व्यक्तित्व बताते हुए उन्होंने कहा कि श्री राव एक महान् विद्वान, साहित्य सेवी और बहुभाषी व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें उचित सम्मान नहीं प्राप्त हुआ।
श्री नरसिम्हा राव पर पुस्तक लिखने पर कृष्णा राव की सराहना करते हुए उन्होंने युवाओं से ऐसी पुस्तकों को पढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि महान पुरुषों एवं महिलाओं के बारे में पुस्तकों तथा स्मारक व्याख्यानों का उद्देश्य दूसरों को प्रेरित करना होता है।
इस अवसर पर राज्य सभा सांसद के. केशव राव, कृष्णा राव तथा राघवेन्द्र राव भी उपस्थित थे।
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