एचएमपीवी (HMPV) वायरस (ह्यूमन मेटाप्नीमोवायरस) कोई नया वायरस नहीं,थोड़ी सावधानी...
एचएमपीवी (HMPV) वायरस का पूरा नाम ह्यूमन मेटाप्नीमोवायरस (Human Metapneumovirus) है। यह एक आम वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से सांस से जुड़ी बीमारियों को उत्पन्न करता है। यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में अधिक प्रभाव डालता है।
एचएमपीवी के लक्षण:
1. सामान्य सर्दी जैसे लक्षण: खांसी, नाक बहना, गले में खराश।
2. बुखार।
3. सांस लेने में कठिनाई।
4. घरघराहट (Wheezing)।
5. फेफड़ों में संक्रमण (निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस)।
एचएमपीवी संक्रमण कैसे फैलता है?
1. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से - खांसने, छींकने या स्पर्श से।
2. संक्रमित सतहों को छूने के बाद हाथ से नाक या मुंह छूने से।
उपचार:
एचएमपीवी का कोई विशेष इलाज नहीं है क्योंकि यह एक वायरल संक्रमण है। इसके लिए लक्षणों को नियंत्रित करने वाला उपचार दिया जाता है, जैसे:
पर्याप्त आराम करना।
तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाना।
बुखार या दर्द के लिए पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन (डॉक्टर की सलाह के अनुसार)।
गंभीर मामलों में, जैसे अगर निमोनिया हो जाए, तो अस्पताल में ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता हो सकती है।
बचाव:
1. नियमित रूप से हाथ धोना।
2. खांसने और छींकने के समय मुंह और नाक ढकना।
3. भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना।
4. बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों को विशेष सुरक्षा देना।
एचएमपीवी आमतौर पर हल्की बीमारियां ही उत्पन्न करता है, लेकिन अगर लक्षण गंभीर हो जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने खुद इन मामलों की पुष्टि की है। देश ( HMPV Virus in India) में इस वायरस के मामले सामने आने के बाद इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि, HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे साल 2001 में भी पहचान लिया गया था, लेकिन दशकों बाद इसके बढ़ते मामले चिंता का विषय बने हुए हैं। इस वायरस की वजह से इन्फ्लूएंजा और आरएसवी जैसी रेस्पिरेटरी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम में सीनियर कंसलटेंट, इंटरनल मेडिसिन, डॉ दीक्षा गोयल से जानेंगे इसके कुछ प्रमुख लक्षण और इससे बचाव करने के तरीकों के बारे में -
HMPV को चिंता का विषय इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि इसके लक्षण (HMPV Virus Symptoms) काफी हद तक फ्लू या आरएसवी के कारण होने वाले रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन की तरह ही होते हैं। ऐसे में इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ऐसे में निम्न में से कोई भी लक्षण नजर आने पर इसे अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें-
लगातार नाक बंद रहना या फिर नाक बहना
सूखी या गीली खांसी जो समय के साथ खराब हो सकती है
हल्का या तेज बुखार होना
गले में खराश, जलन और परेशानी होना
सांस लेते समय घरघराहट की आवाज, एयरवेज में रुकावट का संकेत हो सकता है।
सांस लेने में कठिनाई, खासकर गंभीर मामलों में।
आराम करने के बाद भी लगातार थकान और कमजोरी।
फेफड़ों में संक्रमण होना, जिसके के लिए मेडिकल केयर की जरूरत होती है
कैसे फैलता है यह वायरस?
चीन में आतंक मचाने वाला और भारत में एंट्री करने वाला HMPV बेहद संक्रामक है, जो तेजी से फैल सकता है। यह वायरस निम्न तरीकों से फैलता है-
संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों से।
किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधा संपर्क में आने से।
दूषित सतहों को छूने और फिर चेहरे, आंखों या मुंह को छूने से।
यह वायरस अन्य सीजनल रेस्पिरेटरी वायरस की तरह, सर्दियों के अंत और वसंत के महीनों में ज्यादा एक्टिव रहता है।
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