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जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाना सपा, बसपा, व भाजपा के लिए टेढ़ी खीर

आजमगढ़ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अबकी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाना सपा, बसपा, व भाजपा के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन बैठेगा इसका फैसला करने के लिये निर्दल प्रत्याशियों के उपर पूरा दामोदार आ गया है।
सत्तादल के रूप में भाजपा को कोई खास बढ़त नहीं मिल पाई है। वहीं सपा इस बार अपना पूर्व में जिला पंचायत सदस्य पद की जीती सीटों की भी संख्या पूरा करने में काफी पीछे रह गई। इसके बाद भी सपा, भाजपा के साथ ही बसपा भी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियानें के लिए ताल ठोंकने में जुट गई हैं। आजमगढ़ जिले में जिला पंचायत सदस्य पद के निर्वाचित 84 सदस्यों में 44 निर्दल प्रत्याशी पर अब सबकी नजर है। इसमें भाजपा को 11 सीट, सपा को 14 सीट, बसपा को 11 सीट, उलेमा, आप, कांग्रेस, अपना दल व एआईएमआईएम ने भी एक-एक सीट पर जीत हासिल की है।
आखिरकार दो दिनों तक चली मतगणना के बाद मंगलवार की देर शाम को जिला पंचायत सदस्य पद के विजयी उम्मीदवारों के तस्वीर स्पष्ट होकर सामने आई। मतगणना के दौरान से लेकर बाद तक आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। जिला पंचायत सदस्य पद पर परिणाम आने के बाद बुधवार की दोपहर तक किसी भी पार्टी को अध्यक्षी के लिये संभावना नहीं बन पाई। स्थिति यह है कि सत्ता रुढ़ दल हो या विपक्ष सभी को निर्दल प्रत्याशियों का ही सहारा लेना पड़ेगा।
ऐसे में इन प्रत्याशियों को अपने खेमे में लाने के लिये कदावर नेताओं को लगाया जा रहा है। निर्दल प्रत्याशियों पर जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने का पूरा दामोदार है। इन्हें अपने पाले में करने के लिये सत्ता और विपक्ष के कदावर नेता गुणा गणित में लग गये हैं।


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