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उप्र में 24 जिले अतिसंवेदनशील, सीएम योगी ने अफसरों को दिया अलर्ट मोड पर रहने का आदेश


लखनऊ। मॉनसून शुरू होते ही यूपी के कई जिलों में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है। 24 जिले अति संवेदनशील हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाढ़ की स्थिति में राहत और बचाव के लिए बेहतर समन्वय और तुरंत कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जन-धन की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इसके साथ ही सीएम ने जलशक्ति मंत्री और दोनों राज्यमंत्री को फील्ड में जाकर व्यवस्थाओं का खुद जायजा लेने का निर्देश दिया है। बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ राहत शिविरों में लोगों को ताजा भोजन मिलना चाहिए। राहत सामग्री की गुणवत्ता से कोई कतई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ के बीच बीमारी बढ़ती है। राहत शिविरों के लिए स्वास्थ्य टीमें गठित करने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के समय पशुओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। 

इसके साथ ही बाढ़ के दौरान रोज दैनिक बाढ़ बुलेटिन जारी करने और केंद्रीय एजेंसियों के साथ तालमेल बनाए रखने के भी आदेश मुख्यमंत्री ने दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसानों की फसल बाढ़ की वजह से खराब होती है तत्काल क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2024 में बाढ़ से सुरक्षा के लिए समय से तैयारियां की गई हैं। अति संवेदनशील के रूप में चिन्हित 17 जिलों के 37 तटबंधों का अनुरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी अतिसंवेदनशील तटबंधों पर प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियन्ता नामित किये जा चुके हैं। तटबन्धों पर क्षेत्रीय अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा लगातार निरीक्षण और सतत निगरानी भी की जा रही है।

 मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वर्ष 2023 में बाढ़ से प्रभावित अतिसंवेदनशील/संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर बाढ़ परियोजनाओं के द्वारा बाढ़ बचाव के काम पूरे कर लिये गए हैं। प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक 75 जिलों में सम्पन्न हो गई है। इसके अलावा, बाढ़ से प्रभावित जनपदों में 113 बेतार केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। वायरलेस सेंटर बाढ़ की पूरी अवधि में क्रियाशील रहेंगे। प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जनपद अति संवेदनशील श्रेणी में हैं।

 इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं। जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं। अति संवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ की आपात स्थिति हेतु पर्याप्त रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया जाए। इन स्थलों पर पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था एवं आवश्यक उपकरणों का भी प्रबन्ध होना चाहिए। माननीय जल शक्ति मंत्री एवं दोनों राज्य मंत्री द्वारा अति संवेदनशील तथा संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण करें, साथ ही बाढ़ बचाव से जुड़ी परियोजनाओं का निरीक्षण करें।


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