Lucknow|राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने ग्रामश्री एवं क्राफ्ट रूट्स द्वारा आयोजित हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां ग्रामश्री एवं क्राफ्ट रूट्स द्वारा आयोजित हैंडीक्राफ्ट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं का आर्थिक, शैक्षिक आदि दृष्टियों से सशक्तिकरण के लिए ग्रामश्री संस्था का सृजन किया गया। संस्था का सौभाग्य है कि इसका ग्रामश्री नामकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। ग्रामश्री, हस्तशिल्पियों और कारीगरों को रोजगार प्रदान करने के साथ-साथ उनके पारिवारिक जीवन में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम बनी है। ग्रामश्री एवं क्राफ्ट रूट्स को आगे बढ़ाने में हस्तशिल्पियों और कारीगरों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज आप सभी हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को अपना आशीर्वाद और प्रेरणा प्रदान करने के लिए यहां आए हैं। ग्रामश्री द्वारा अब तक आयोजित 57-58 कार्यक्रमों में यह पहली बार है जब किसी राज्य के मुख्यमंत्री ग्रामश्री एवं क्राफ्ट रूट्स की प्रदर्शनी में सम्मिलित हो रहे हैं। श्रीरामलला 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में अपने नव्य और भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। इस आयोजन की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री जी पर है। इसके बावजूद अपने व्यस्त कार्यक्रम से उन्होंने समय दिया है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात श्रीरामलला प्रधानमंत्री के कर-कमलों द्वारा अयोध्या नगरी में स्वयं के भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। हस्तशिल्पियों ने देश की विरासत व परम्परा को सजाया-संवारा है। यह प्रदर्शनी प्रधानमंत्री की ‘वोकल फॉर लोकल’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना पर आधारित है। पूर्व में हैंडीक्राफ्ट की ताकत को विस्मृत कर दिया गया था। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से वर्ष 2018 में प्रदेश के परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए ‘एक जनपद एक उत्पाद’ के रूप में एक अभिनव कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।
इसके अन्तर्गत प्रदेश के सभी 75 जनपदों में पहले से प्रचलित यूनीक प्रोडक्ट का चयन कर, उसे डिजाइनिंग, तकनीक तथा मार्केटिंग के साथ जोड़ने का कार्य किया गया। इसके अगले वर्ष ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना प्रदेश में लागू की गई। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के कारीगरों तथा हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन व प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मानदेय तथा टूलकिट उपलब्ध कराने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कहा जाता था कि उत्तर प्रदेश एक लैंडलॉक्ड राज्य है, इसलिए यहां से निर्यात नहीं किया जा सकता। प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण दो-तीन वर्षों में ही प्रदेश का निर्यात दोगुने से अधिक हो गया। कोरोना कालखण्ड के दौरान व उसके पूर्व राज्यपाल द्वारा महिला सशक्तिकरण व कार्य से वंचित परिवारों के लिए अनेक अभिनव प्रयास प्रारम्भ किए गए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने राजभवन में लगाई गई प्रदर्शनी में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना से जुड़े हुए बर्तनों को देखा। इन बर्तनों में खुर्जा की क्रॉकरी जैसे बेहतरीन उत्पाद सम्मिलित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत यूनीक प्रोडक्ट देश में लोगों के लिए ब्राण्ड साबित हुए हैं। इस दिशा में राज्यपाल के मार्गदर्शन में कार्य चल रहे हैं। आज अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी संस्थाएं ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ के साथ जुड़ी हुई हैं। आज का कार्यक्रम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हैंडीक्राफ्ट से जुड़े हुए जितने भी हस्तशिल्पी व कारीगर आए हैं, उन्होंने अपने-अपने सेक्टर में कुछ न कुछ नया कार्य किया है। यह सभी स्वयं आत्मनिर्भर हैं तथा अनेक लोगों को रोजगार दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों से एम0एस0एम0ई0 का बेस प्रदेश की आत्मनिर्भरता का आधार रहा है। यह क्षेत्र बीच के कालखण्ड में उपेक्षित होकर, आज फिर से आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। केंद्र सरकार के साथ मिलकर प्रदेश में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ पैकेजिंग तथा डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित करने तथा अन्य प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात की धरती राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की धरती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की प्रेरणा भारतवासियों को प्रदान की थी। गुजरात की धरती ने सरदार पटेल जैसे भारत माता के सपूत को जन्म दिया। हम उनका स्मरण लौह पुरुष के रूप में करते हैं। उस धरती पर ग्रामश्री संस्था का जन्म हुआ। राज्यपाल जी ने गुजरात में वर्ष 1995 में ग्रामश्री को प्रारम्भ किया था। इस संस्था द्वारा वहां के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्टिजंस, हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को प्रोत्साहित करने के एक बड़े अभियान को आगे बढ़ाया गया। उन्हें तकनीकी, डिजाइन तथा मार्केटिंग से जोड़ा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में देश भर के हस्तशिल्पियों और कारीगरों को आमंत्रित किया गया है। यह लोग इस संस्था के माध्यम से एक दूसरे के साथ टेक्नोलॉजी व डिजाइनिंग का आदान-प्रदान कर स्वयं को अपडेट कर सकेंगे। टेक्नोलॉजी हमारे कार्य को और अधिक आसान बनाती है तथा उत्पादों को बाजार की सप्लाईचेन से जोड़ने में भी मदद प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल की व्यस्तता के कारण श्रीमती आनंदी बेन पटेल जी ने इस संस्था का दायित्व सम्भाला। आज न केवल गुजरात में बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए वह स्वतः स्फूर्त भाव के साथ कार्यक्रमों से जुड़ती हैं। वह प्रदर्शनी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में अपना योगदान देती हैं। इस कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना का बेहतरीन प्रबन्धन करने में सफलता प्राप्त हुई थी। कोरोना कालखण्ड में लॉकडाउन लगते ही व्यापक पैमाने पर पलायन हुआ था। 40 लाख से अधिक लोग प्रदेश में आए। प्रदेश सरकार ने उस दौरान प्रदेश की 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयों से एक-एक व्यक्ति को रोजगार देने की अपील की थी। एम0एस0एम0ई0 सेक्टर से जुड़े उद्यमियों ने लोगों को काम देकर संकट की घड़ी में उन्हें बचाने का कार्य किया था। हस्तशिल्पियों और कारीगरों की ताकत को कोरोना कालखण्ड में पहचाना गया। प्रदेश में उपलब्ध सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाइयों से जुड़े हुए कार्यक्रम अलग-अलग जनपदों में चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष ग्रेटर नोएडा में प्रदेश का पहला इंटरनेशनल ट्रेड शो आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति ने किया था। इसमें प्रदेश में निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इस ट्रेड शो में चार लाख से अधिक लोगों ने भागीदारी की तथा 500 से अधिक विदेशी क्रेता आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पर्व व त्योहारों पर चीन द्वारा निर्मित वस्तुएं भारत के बाजारों में छाई रहती थीं। दीपावली पर्व के अवसर पर गणपति और लक्ष्मी की मूर्ति भी चीन से निर्मित होकर आती थी। प्रधानमंत्री जी की भावनाओं के अनुरूप ‘वोकल फॉर लोकल’ पर ध्यान केंद्रित किया गया। अब लोगों ने लोकल प्रोडक्ट को महत्व देना प्रारम्भ किया है। इस कार्य में स्वयंसेवी महिलाएं अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। दुनिया के जिन देशों में प्रधानमंत्री जाते हैं, वह भारत के किसी ने किसी राज्य से जुड़े हुए उत्पाद को राष्ट्राध्यक्षों को भेंट स्वरूप प्रदान करते हैं। लोगों द्वारा प्रदेश के ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना से जुड़े हुए उत्पादों को उपहार स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। यह चीजें दिखाती हैं कि इस क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को इस प्रकार की प्रदर्शनी के माध्यम से और अधिक बढ़ाया जा सकता है।
यह प्रदर्शनियां विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्पों, वस्त्रों और परम्पराओं को जानने का माध्यम बनती हैं। इन हस्तशिल्पियों और कारीगरों को उत्तर प्रदेश को देखने व जानने का अवसर प्राप्त होगा। यह लोग प्रदेश की एम0एस0एम0ई0 इकाइयों की सम्भावनाओं को और अधिक आगे बढ़ाने में अपना योगदान प्रदान कर सकते हैं।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, क्राफ्ट रूट्स की ट्रस्टी अनारबेन पटेल, शिल्पी एवं कारीगर उपस्थित थे।
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