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सपा सुप्रीमो के " चन्दाजीबी" वाले बयान पर, संतो का पलटवार कहा कि राम को क्या जाने बाबरजीबी आइये अब आप.....

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चंदाजीवी वाले बयान पर संतों में आक्रोश नजर आ रहा है। अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयागराज में संतों ने अखिलेश यादव के बयान का विरोध किया है। संतों ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री से कहा कि राजनैतिक दायरा अलग होता है और धार्मिक मान्यताओं पर ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए। संतों ने माना कि अखिलेश यादव का बयान न सिर्फ भगवान राम का अपमान है, बल्कि यह राम मंदिर और चंदा देने वाले राम भक्तों का भी अपमान है।अखिल भारतीय निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सपा अध्यक्ष को बाबर जीवी तक कह डाला। संत समागम के लिए इस समय मथुरा में प्रवास कर रहे राजेंद्र दास ने अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने गजनी की याद दिलाई और कहा कि गजनी ने हजारों-लाखों हिंदुओं को मरवाया था। इसके बाद अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव ने भी श्रीराम मंदिर आंदोलन में कई हिंदुओं को मरवा दिया था।अखिलेश यादव को गजनी परिवार का सदस्य बताते हुए राजेंद्र दास ने कहा कि इनको हिंदू संस्कृति और राम मंदिर या चंदा के विषय में बोलने का अधिकार ही नहीं है। ये केवल मौलवियों के विषय में बोलें, उनका पक्ष रखें। हिंदुओं के बारे में बोलने का इनको अधिकार नहीं है।उधर, राम नगरी अयोध्या में हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास ने भी सपा मुखिया को बाबरजीवी कहा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अभी भी होश में आ जायें नहीं तो संत और राम भक्त उन्हें कभी भी माफ नहीं करेंगे और दोबारा सत्ता में नहीं आ पायेंगे। महंत राजू दास ने कहा कि अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव की सरकारों ने हिंदू जनमानस और मठ-मंदिरों को जिस तरह से प्रताड़ित किया गया था उसे भूला नही गया ।


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