आखिरकार देर से लेकिन दुरुस्त से, चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश हुए एक, मंच पर अखिलेश ने छुआ चाचा जी के चरण और कहाकि..
इटावा। चाचा मेरे और मै चाचा का कहावत चरितार्थ चाचा-भतीजे में कभी दूरियां नहीं थीं। सिर्फ राजनीतिक दूरियां थीं, वह भी दूर हो गई हैं। यह बात रविवार को एसएस मैमोरियल इंटर कॉलेज में हुए सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही। उन्होंने कहा कि अब घबराहट तो बीजेपी को हो रही होगी। अगर जसवंतनगर ने मन बना लिया और करहल साथ चल दिया। मैनपुरी ठीक हो गई, किश्नी के लोग मन बनाए हैं और भोगांव में भी जीतने वाले हैं, तो सोचो परिणाम इस बार क्या होगा। बहुत सी सरकारें यहां के लोगों ने देखी है। यह पहली सरकार देखी होगी, जो सब वादे भूल गई होगी। इतनी परेशानी, तकलीफ, साजिश और षड़यंत्र कोई और पार्टी नहीं करती जितनी भारतीय जनता पार्टी करती है। भाजपा की परेशानी की दवा न वैध के पास है न हकीम और अस्तपलों के पास। वहीं प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग चाहते थे कि हम साथ आएं। हम साथ आ गए हैं।
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