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स्कूल में परवान चढ़ा प्यार, फिर प्रेम विवाह और अब आत्महत्या, हैरान कर देगी सुसाइड की ये कहानी


गोरखपुर। गोरखपुर के सिविल लाइंस इलाके में बिस्मिल पार्क के सामने रहने वाले शहर के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ. रामशरण श्रीवास्तव की बेटी और दामाद ने कुछ घंटों के अंतराल पर खुदकुशी कर ली। दामाद की लाश रविवार सुबह सारनाथ के होटल में फंदे से लटकती मिली। इसकी सूचना जब गोरखपुर में बेटी को मिली तो उसने भी घर की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई मौके पर पहुंच गए। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर छानबीन की है। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल कुछ पता नहीं चला है। जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह डॉ. रामशरण के पास वाराणसी से फोन आया कि हरीश ने सारनाथ के एक होटल में फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली है। डॉ. रामशरण वाराणसी जाने की तैयारी ही कर रहे थे, इसी दौरान सुबह करीब 9.30 बजे संचिता ने घर की छत से छलांग लगा दी। डॉक्टर रामशरण आनन-फानन बेटी को विजय चौक स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि हरीश पांच जुलाई को गोरखपुर से अपने घर पटना जाने के लिए कहकर निकला था, लेकिन उसी रात आठ बजे वह सारनाथ के एक होटल में रुक गया। रविवार सुबह कमरे में उसका शव फंदे से लटकता मिला। हरीश ने एक वेबसाइट की मदद से सारनाथ में अटल नगर कॉलोनी, मवइयां स्थित एक होम स्टे बुक किया था। पुलिस की पूछताछ में होम स्टे संचालक ने बताया कि एक एप के माध्यम से हरीश ने कमरा नंबर-202 बुक किया था। पांच जुलाई की रात वह अपने कमरे में आया था। हरीश के रिश्तेदार पांडेयपुर निवासी राजू कुमार रविवार की सुबह होम स्टे में आए और उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा न खुलने पर उन्होंने संचालक को सूचना दी। संचालक ने रोशनदान से झांक कर देखा तो हरीश पंखे के हुक से रस्सी के फंदे के सहारे लटका हुआ था। 


सूचना पाकर सारनाथ थाने की पुलिस मौके पर आई और दरवाजा तोड़ कर शव को नीचे उतरवाई। उसके कमरे से पुलिस को गांजा, सिगरेट, लाइटर, पर्स और मोबाइल मिला। परिजनों ने बताया कि हरीश और संचिता ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए राजघाट क्षेत्र स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में दाखिला लिया था। वहीं उन दोनों की दोस्ती हुई थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद संचिता मॉडलिंग करने लगी थी और हरीश प्राइवेट बैंक में नौकरी करता था। सारनाथ थाने की पुलिस की सूचना पर हरीश के पिता रामस्वामी मालवीय परिजनों के साथ शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। परिजनों ने बताया कि हरीश अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था, उससे बड़ी एक बहन है।


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