सिपाही ने चुराई दरोगा की सरकारी पिस्टल और मैगजीन आरोपी सिपाही गिरफ्तार, भेजा गया जेल
हरदोई। यूपी-112 की पीआरवी में तैनात उपनिरीक्षक की सरकारी पिस्टल और मैगजीन चोरी होने के मामले में पुलिस ने यूपी-112 के एक सिपाही को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर पिस्टल और मैगजीन भी बरामद करली गई है। सिपाही को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। यूपी-112 की पीआरवी में तैनात जोगेंद्र सिंह ने नौ मार्च को शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि वह पांच मार्च से तीन दिन के अवकाश पर गए थे। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकारी पिस्टल और दस मैगजीन पुलिस क्लब की अपनी बैरक में बक्से में रखी थी। अवकाश से वापस आने पर बक्से का ताला टूटा मिला और सरकारी पिस्टल व मैगजीन गायब थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। एसपी केसी गोस्वामी ने जोगेंद्र सिंह को लापरवाह मानते हुए निलंबित कर दिया था। घटना का खुलासा करने के लिए एसपी केसी गोस्वामी ने दो टीमें गठित की थीं।
सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से पुलिस को अहम सुराग मिले थे। इनसे पता चला था कि यूपी-112 की पीआरवी में जोगेंद्र सिंह के साथ ही तैनात सिपाही संभल जनपद के थाना बहजोई देहात के गांव कच्ची मड़ैया निवासी राहुल गौतम ने चोरी की है। घटना के बाद राहुल बिना किसी सूचना के गैरहाजिर हो गया था तब से उसकी तलाश चल रही थी। शहर कोतवाल संजय पांडेय ने शुक्रवार को राहुल गौतम को पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया। पूछताछ के दौरान उसने पिस्टल चोरी की बात कबूल की और उसकी निशानदेही पर पिस्टल व दस मैगजीन बरामद करली गईं। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी नृपेंद्र कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किया गया सिपाही 2019 में पुलिस में भर्ती हुआ था। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी नृपेंद्र कुमार ने बताया कि राहुल गौतम ने पुलिस क्लब की बैरक से पिस्टल चोरी की थी।
पिस्टल चोरी करने के बाद उसने इसे अपने किराए के मकान में रख दिया था। उन्होंने बताया कि शहर के न्यू सिविल लाइंस इलाके में राहुल ने एक मकान किराए पर ले रखा है। इसी में बेड के कोने में बनी रैक में पिस्टल और मैगजीन छिपाई थी।
पुलिस महकमे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कुछ समय पहले राहुल कई दिनों के लिए गैरहाजिर हो गया था। जोगेंद्र ने इसकी रिपोर्ट आलाधिकारियों को दे दी थी।
रिपोर्ट दिए जाने से नाराज राहुल ने पहले तो सोशल मीडिया पर सहकर्मियों के स्तर से प्रताड़ित किए जाने के साथ ही रुपये मांगे जाने का आरोप लगाया। जांच में यह सब झूठ पाया गया, तो जोगेंद्र को फंसाने के लिए उसने पिस्टल चोरी की घटना को अंजाम दे दिया।
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