धर्मा अ लर्निग फाउंडेशन ने विश्व ऑटिज्म दिवस पर साझा की जानकारी
प्रयागराज। धर्मा अ लर्निग फाउंडेशन, मधवापुर द्वारा विश्व ऑटिज्म दिवस के अवसर पर ऑटिज्म सम्बंधित जानकारी साझा करते हुये लोगो को जागरूक किया।
धर्मा अ लर्निग फाउंडेशन के सह संस्थापक भाष्कर मिश्रा ने बताया की संयुक्त राष्ट्र परिवार ने हमेशा अक्षम लोगों की सेहत और अधिकारों को प्रोत्साहित किया और विविधता को उत्सव मानाया है। हर साल विभिन्न बीमारियों और मानव अधिकारों संबंधित दिवस मनाने के पीछे जागरूता फैलाना सबसे प्रमुख मकसद है। साल 2008 में कन्वेन्शन ऑन द राइट्स ऑफ पर्सर्नस विद डिसएबिलिटीज लागू किया गया। जिसमें सभी के साथ अक्षम लोगों को मानव अधिकार और की रक्षा और प्रोत्साहन सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया। इसमें ऑटिज्म से पीड़ित सभी वयस्क और बच्चों की सही देखरेख सुनिश्चित करना भी शामिल है। जिससे वे पूरी और उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सके। विश्व ऑटिज्म दिवस को मनाने का मकसद ऑटिज्म पीड़ित लोगों की मदद कर उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है, जिससे वे समाज का पूरा हिस्सा बन कर जीवन बीता सके। ऑटिज्म सामान्य रोग नहीं हैं बल्कि कई बार तो लगता है कि यह रोग नहीं बल्कि ताउम्र रहने वाला विकार है. जीवन भर चलने वाली इस न्यूरोलॉजिकल स्थिति लोगों में यह बचपन में ही आ जाती है। जिसका लिंग, नस्ल और सामाजिक आर्थिक दर्जे से कोई लेना देना नहीं हैं। ऐसे रोग से ग्रस्त लोगों को समाज में स्वीकार्यता बहुत मुश्किल से मिलती है और अगर समाज में इस रोग के प्रति जागरूकता ना हो पीड़ितों के प्रति को बहुत ही खराब रवैया हो जाता है।
ऑटिज्म में रोगी की सामाजिक अंतरक्रिया अलग होती हैं, उनके सीखने तरीके बहुत अलग तरह के होते हैं। उन्हें अपने विचार संप्रेषण में अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना होता है। दुनिया के सभी इलाकों में ऑटिज्म के रोग से पीड़ित लोगों की दर बहुत ज्यादा है और इसकी समझ, जानकारी और जागरूकता का अभाव का रोगी, लोग, परिवार, और समुदाय पर बहुत गहरा होता है। यहां तक कि इससे होने वाले भेदभाव का असर भी इसके निदान और उपचार आदि पर पड़ता है और इससे निपटने केलिए नीति निर्माताओं की भी भूमिका की जरूरत होती है।
श्री मिश्रा ने कहा की माता-पिता को कभी भी ऐसे चिकित्सकों के पास नहीं जाना चाहिए जो बंद दरवाजे पर थेरेपी करते हैं। क्योंकि यह उन्हें उस प्रक्रिया को देखने से रोकता है जिसे चिकित्सक अपने बच्चों पर लागू कर रहा है।
धर्मा अ लर्निंग फाउंडेशन द्वारा न्यूरो डायवर्स किड्स का थेरेपी, आटिज्म ए.डी. एच.डी., सी.पी. डाउन सिन्ड्रोल, लर्निंग डिस्बिलिटी एवं मानसिक विकार, शारीरिक विकार का उपचार प्रख्यात विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। साथ ही बच्चों पर विशेष निरीक्षण एवं माता-पिता को भी जागरूक करने का भी कार्य किया जाता है।
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