तीन उपनिरीक्षक सहित 10 को कोर्ट ने किया तलब, घर में घुसकर मारपीट करने व महिलाओं से छेड़खानी का आरोप, परिवाद की सुनवाई पूरी करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने दिया आदेश
आजमगढ़। दूसरे पक्ष के साथ मिलकर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए पीड़ित के घर में घुसकर मारपीट और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ तथा थाने में जबरदस्ती बंद करने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने सुनवाई पूरी करते हुए जीयनपुर थाने में तैनात रह चुके तीन उप निरीक्षकों, एक होमगार्ड समेत 10 लोगों को न्यायालय में तलब किया है।
बताते चलें कि इस मामले में पीड़ित शिवचंद निवासी गांव धरौली थाना घोसी जनपद मऊ ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। शिवचंद ने आरोप लगाया है कि उनके गांव में प्रहलाद निषाद से भूमि विवाद की रंजिश चल रही थी। जिसके कारण प्रहलाद निषाद के रिश्तेदार दहनू ने अपनी ही स्कार्पियो को गायब करके जीयनपुर थाने में शिवचंद के भांजे गुलाब तथा लड़के बलराम निषाद के खिलाफ तहरीर दे दिया और सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैला दी कि बलिराम व गुलाब के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोप है कि प्रहलाद के प्रभाव में आकर जीयनपुर थाने के दरोगा संजय सिंह 14 दिसंबर 2020 की रात बिना तलाशी वारंट के शिवचंद के घर में घुस गए। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया और बलराम और गुलाब को जीयनपुर थाने में बंद कर दिया। जब शिवचंद्र ने कहा कि बलराम ने कोई चोरी नहीं की जिस गाड़ी की चोरी की बात कही जा रही है वह गाड़ी तो दहनू के दरवाजे पर खड़ी है। तब दरोगा केसर यादव, संजय सिंह, उमेश कुमार और होमगार्ड के सिपाही शिवम श्रीवास्तव ने एक राय होकर शिवचंद से एक लाख रुपये की मांग की। जब शिवचंद ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया तब शिवचंद के भांजे गुलाब तथा लड़के बलराम का फर्जी मुकदमे में चालान कर दिया। इस मामले के तथ्यों व परिस्थितियों को देखने के बाद सीजेएम ने आरोपी उपनिरीक्षक संजय सिंह, केशर यादव, उपनिरीक्षक उमेश कुमार, होमगार्ड के सिपाही शिवम श्रीवास्तव तथा दहनू निषाद, रवि निषाद, प्रहलाद निषाद, गुड्डू, रामजन्म तथा लक्ष्मण को न्यायालय में विचारण के लिए तलब किया। न्यायालय ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 10 फरवरी निर्धारित की है।
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