विवेकानंद ने भारतीय मूल्यों की रक्षा के लिए समाज को पुनर्गठित किया था - डॉ इन्द्रमणि कुमार
- कर्तव्य बोध दिवस का आयोजन
सुलतानपुर। विवेकानंद ने अपनी संस्कृति, भाषा और जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए भारतीय समाज को पुनर्गठित किया। उन्होंने अपने समय की कुरीतियों और कुप्रथाओं को दूर करने का बीड़ा उठाया था। यह बातें राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि कुमार ने कहीं।
वह राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुस्तकालय कक्ष में राष्ट्रीय युवा सप्ताह के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना व डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या शैक्षिक संघ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय युवा सप्ताह के अंतर्गत स्वामी विवेकानंद की स्मृति में आयोजित कर्तव्य बोध दिवस को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि विवेकानंद ने हिन्दू धर्म की वैचारिक उदारता और सहिष्णुता को दुनिया के समक्ष नये तरह से प्रस्तुत किया।
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी भटक रही है। उसको सही रास्ते पर लाने के लिए विवेकानन्द के विचार प्रासंगिक हैं। विवेकानंद के विचारों का मार्गदर्शन लेते हुए देश की युवा शक्ति अपने जीवन को सफल बना सकती है ।
संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमाधिकारी डॉ.प्रभात कुमार श्रीवास्तव तथा आभार ज्ञापन अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ धीरेन्द्र कुमार ने किया।
इस अवसर पर उप प्राचार्य प्रोफेसर निशा सिंह, डॉ.आलोक कुमार, डॉ.विभा सिंह, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि,डॉ नीतू सिंह, डॉ अखिलेश सिंह,डॉ.शालिनी सिंह, डॉ बृजेश सिंह, वीरेंद्र कुमार गुप्त, डॉ.यशमंत सिंह व ज्योति सक्सेना समेत शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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