बसपा प्रमुख बोलीं - सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के पदों में भी लागू किया जाए एससी-एसटी आरक्षण
लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने और उपवर्गीकरण किए जाने पर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं की है। उन्होंने कहा कि केंद्र को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर संसद में कानून लाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मायावती ने कहा कि नौकरियों को खत्म कर संविदा पर कर्मचारी रखना आरक्षण को खत्म करने का ही प्रयास है। उन्होंने कहा कि भाजपा व कांग्रेस आरक्षण के खिलाफ रही है।
मायावती ने मांग की है कि अब समय की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के पदों पर भी एससी-एसटी आरक्षण लागू किया जाए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-सपा व आप ने संविधान बचाने और आरक्षण बचाने की बात कहकर अपनी सीटें बढ़ा ली हैं। इन लोगों को भी अब अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। मायावती ने जातीय जनगणना को लेकर कहा कि केंद्र इसकी जिम्मेदारी राज्यों को न देकर खुद जातीय जनगणना करवाए।
रिजर्वेशन में क्रीमी लेयर लागू नहीं होगा : केंद्र सरकार
अनुसूचित जाति और जनजातियों (एसी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने 9 अगस्त को संसद भवन में उनसे मिलने आए 100 दलित सांसदों को यह आश्वासन दिया। देर शाम केंद्र ने इसकी घोषणा भी कर दी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने 1 अगस्त को यह टिप्पणी की थी कि एसी-एटी में भी क्रीमी लेयर लागू करने पर विचार करना चाहिए। इसे लेकर दलित सांसदों ने पीएम से मिलकर अपनी चिंता जताई थी। 9 अगस्त की शाम में कैबिनेट मीटिंग हुई। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एनडीए सरकार बीआर अंबेडकर के बनाए गए संविधान से बंधी है। इस संविधान में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है।
जब तक मैं हूं तब तक आरक्षण को कोई समाप्त नहीं कर सकता है : चिराग
भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने कहा कि आरक्षण के मूलभूत प्रावधानों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा। एक्स पर एक पोस्ट में लोजपा (रामविलास) ने लिखा कि पार्टी अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान जी के अथक प्रयासों की वजह से आज आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ एक लंबे दौर की बातचीत के पश्चात उनके समर्थन में कहा की एनडीए सरकार बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा बनाए गए आरक्षण के मूलभूत प्रावधानों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा। साथ ही पूर्व की व्यवस्था के साथ ही लागू रहेगा।
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