JANMASHTAMI :श्रीकृष्ण का वो अनोखा मंदिर, जहां मीराबाई के साथ विराजमान है कन्हैया, महाराजा सवाई मानसिंह का संबंध
Janmastami 2023: हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन श्रीकृष्ण भक्त अपने कैन्हया के लिए व्रत करते है और 12 बजने का इतंजार करते है क्योंकि रात के 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्म होता है और फिर भक्त उनके जन्मदिन को सेल्बिट करते है। साथ ही अपना व्रत भी खोलते है। भारत में सैकड़ों श्रीकृष्ण के मंदिर स्थित किए गए है। हालांकि मथूरा और वृंदावन में भगवान कृष्ण के मशहूर मंदिर है। जिनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते है। वहीं श्रीकृष्ण के हर मंदिर में आपको श्रीकृष्ण राधारानी और रुकमण के साथ विराजमान है लेकिन भारत में एक ऐसा भी मंदिर है जहां श्रीकृष्ण प्रिय भक्त मीरा के साथ विराजमान है।
भारत की इस जगह मौजूद है श्रीकृष्ण का अनोखा मंदिर
दरअसल यह मंदिर करीबन 478 साल बताया जा रहा है। जो जयपुर के आमेर में सागर रोड पर स्थित है। इस मंदिर को जगत शिरोमणि के नाम से पहचाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह (प्रथम) की पत्नी रानी कनकावती ने अपने 14 साल के बेटे कुंवर जगत सिंह की याद में सन् 1599 में शुरू करवाया था और 9 साल निर्माण कार्य के बाद तीन मंजिला भव्य मंदिर वर्ष 1608 में बनकर तैयार हुआ। यहां भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना की गई।
इस मंदिर में मीरा के साथ विराजमान है कन्हैया
वहीं इस मंदिर को लेकर कई कथाएं है जिसमें कहा जाता है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण की जो मूर्ति स्थापित है, यह वही प्रतिमा है, जिसका चित्तौड़गढ़ में विवाह के बाद मीरा बाई अपनी आराधना और भक्ति गान किया करती थी। बताया जाता है कि कई बार बाहरी मेवाड़ में आक्रमणकारियों ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को नष्ट करने का प्रयास किया। तब श्रीकृष्ण की मूर्ति जगत शिरोमणि के मंदिर में लाई गई। यहां मीरा बाई की एक मूर्ति बनवाई गई। दोनों का विवाह भी करवाया गया।
तब से मंदिर में श्री कृष्ण और मीरा बाई की पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर में वर्षों पुरानी पालकी भी है। दुल्हन स्वरूप मीरा बाई की प्रतिमा को इस पालकी में बैठाकर मंदिर में विवाह के वक्त लाया गया था। आज भी देश विदेश से आने वाले सैलानी इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं।
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