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फर्जी वेबसाइट बनाकर 27 हज़ार लोगों को चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, नौकरी के नाम पर कर रहा था कारनामा

दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने फर्जी सरकारी वेबसाइट बना कर 27 हजार लोगों से ठगी करनेवाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. डीसीपी एनेश रॉय ने बताया कि गिरोह ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की फर्जी वेबसाइट बनाकर 13 हजार से अधिक लोगों की वैकेंसी निकाली गयी. पुलिस ने गिरफ्तार लोगों के पास से 49 लाख रुपये, तीन लैपटॉप और सात सेल फोन बरामद किये हैं.

साइबर सेल के डीसीपी एनेश रॉय के मुताबिक, विभाग को शिकायत मिली थी कि स्वास्थ्य एवीएम जन कल्याण संस्थान के जरिये नौकरी के लिए आवेदन किया था. साथ ही ऑनलाइन फीस भी जमा की थी. यह संस्थान स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत बतायी गयी थी. अब वेबसाइट वालों से कोई संपर्क नहीं जो पा रहा है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच कर मामला दर्ज कर लिया. जांच में वेबसाइट से जुड़ी दो और वेबसाइट के बारे में पता चला. ये सभी सरकारी वेबसाइट नहीं हैं. बल्कि, हरियाणा के हिसार से एक गैंग वेबसाइट को चला रहा है.
बताया जाता है कि वेबसाइटों पर क्लर्क, एंबुलेन्स ड्राइवर समेत विभिन्न पदों की 13 हजार नौकरियों की वैकेंसी निकाली गयी है. वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए 15 लाख से ज्यादा आवेदन आये. इनमें से करीब 27 हजार लोगों के ठगी का शिकार हो गये. जांच में पुलिस को पता चला कि वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन मंगाये जा रहे पैसे अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो रहे हैं. साथ ही हिसार के अलग-अलग एटीएम से पैसे निकाले भी जा रहे हैं.

पूरी जानकारी होने के बाद साइबर क्राइम सेल ने हरियाणा के हिसार के एक एटीएम से पैसे निकालते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. इसके बाद गिरोह के चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया. साथ ही गिरोह के पास से 49 लाख रुपये बरामद किये गये. साथ ही गिरोह के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया. ठगी मामले के मुख्य आरोपित विष्णु शर्मा की तलाश की जा रही है.

गिरफ्तार लोगों में दो सदस्य सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल हैं. इन दोनों ने ही फर्जी वेबसाइट डिजाइन की थी. पूछताछ में पता चला कि गिरोह के मुख्य सरगना रामधारी और विष्णु शर्मा दिल्ली में ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर चलाते हैं. यहां सरकारी नौकरी की परीक्षाएं भी आयोजित की जाती थीं. इन दोनों सरगनाओं ने परीक्षा देने आये लोगों का डेटा लेकर उन्हें फर्जी वेबसाइट का मैसेज भेजा. फिर फर्जी वेबसाइट पर आवेदन करनेवालों से प्रति अभ्यर्थी 400 से 500 रुपये ऑनलाइन फीस जमा करने को कहा. उसके बाद लोगों से संपर्क तोड़ दिया गया.


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