Education world / शिक्षा जगत

राष्ट्र को विश्व में अग्रणी बनाने की नीति है एन ई पी - शेषमणि मिश्र


 सुलतानपुर। शिक्षा को विद्या बनाने की प्रक्रिया में शिक्षक और विद्यार्थी को एकरस होना पड़ता है। जब शिक्षा समाजोपयोगी बन जायेगी तो विद्या बन जायेगी।नई शिक्षा नीति राष्ट्र को विश्व में अग्रणी बनाने की नीति है इसको सही ढंग से क्रियान्वित करने की जरूरत है। 
यह बातें प्रेसीडेंसी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य शेषमणि मिश्र ने कहीं। वह गुरुवार को राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में आयोजित माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा समन्वय वार्ता को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे।
 विशिष्ट अतिथि इंटर कालेज गौरा के प्रधानाचार्य डॉ. रवीन्द्र प्रताप सिंह ने कहा एन ई पी यह मौका देती है कि हम जहां भी रहें सर्वश्रेष्ठ रहें। विद्यार्थियों को मित्रता में सावधानी रखनी चाहिए। कैरियर चुनने के लिए आनंद का त्याग करना ही पड़ेगा।
महाराणा प्रताप इंटर कालेज उतुरी के प्रधानाचार्य सुशील सिंह ने कहा कि ज्यादातर विद्यार्थी उच्च शिक्षा तक पहुंच सकें इस लिए नई शिक्षा नीति का सरलीकरण किया गया है। 
शेम्फोर्ड के प्रिंसिपल डॉ.अजय कुमार तिवारी ने कहा कि जीवन में सफल होना चाहते हैं तो प्रतिदिन बुजुर्गों के साथ बात करिए। कम से कम पंद्रह मिनट बुजुर्गों के सानिध्य में रहने से चौबीस घंटे उर्जा बनी रहती है।
कार्यक्रम में रामराजी सरस्वती बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्य रेखा सिंह, राधा रानी इंटर कालेज की प्रधानाचार्य बिंदू श्रीवास्तव व रानी लक्ष्मीबाई इंटर कालेज कटावां के प्रधानाचार्य सतीश कुमार सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 
स्वागत प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश कुमार त्रिपाठी, आभार ज्ञापन संकायाध्यक्ष डॉ.शिशिर श्रीवास्तव तथा संचालन डॉ.प्रीति प्रकाश ने किया। इस अवसर पर  असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.विवेक सिंह, ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि समेत विज्ञान व वाणिज्य संकाय के सभी शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
सरस्वती व राणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू हुये इस कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।


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