जीवन में शांति अध्यात्म से ही संभव है : डा मदन मोहन मिश्र
कादीपुर सुल्तानपुर । क्षेत्र के पंचमुखेश्वर महादेव मंदिर भवानीपुर सूरापुर में आयोजित तीन दिवसीय श्रीराम कथा के अन्तिम दिन मानस मर्मज्ञ डा मदनमोहन मिश्रा ने कहा कि
विज्ञान हमें गतिशील बनाता है तो अध्यात्म संवेदनशील शांति रूपी सीता का पता वही लगा सकता है जिसमें जोश के साथ होश भी हो । विश्वास रूपी हनुमान आगे पुरुषार्थ रूपी अंगद पीछे और सद्गुण सद्विचार रूपी बंदर बीच में होगे तो शांति रूपी सीता को मिलने में विलंब नहीं होगा। जो अपने कर्मों को ईमानदारी पूर्वक करता है भगवान उसकी सहायता कृपा पूर्वक करता है।
वाराणसी से पधारे क्रांतिकारी कथाकार पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी ने शिव विवाह की चर्चा करते हुए कहा श्रद्धा और विश्वास का सम्मिलन ही शिव पार्वती का विवाह है। प्रतापगढ़ से पधारे मानस प्रवक्ता पंडित आशुतोष द्विवेदी ने कहा तुलसी का मानस इंसान को इंसान होना सिखाता है । जो समाज की दरार को पाटने का काम करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा होती हैं । हमारी संस्कृति में सन्त विकास करता है । सन्त का श्राप भी कल्याणकारी होता है।
कार्यक्रम संयोजक सानू पाठक व सुरेश गुप्ता ने आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर राम विनय सिंह, प्रेम प्रकाश जायसवाल, शैलेश गुप्ता, सूरज विश्वकर्मा, श्याम बहादुर सिंह, शिवम अग्रहरि, राम चन्द्र सोनी सहित लोग मौजूद रहे।
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