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भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने,कोविड-फंड घोटाले में फंसी कर्नाटक की तत्कालीन भाजपा सरकार!


बेंगलुरू। कर्नाटक में कोविड-फंड घोटाले को लेकर सियासत गरमा गई है। सिद्धारमैया सरकार ने इसक लिए एसआईटी गठित करने का फैसला किया है। दरअसल इस घोटाले में तत्कालीन बीजेपी सरकार का नाम आ रहा है। जिसके मुख्यमंत्री बोम्मई रिपोर्ट में लोक लेखा समिति की रिपोर्ट और कई अन्य विवरणों को ध्यान में रखा गया है और भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए उल्लंघनों का आरोप लगाया गया है, जब डॉ. के. सुधाकर ने कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया था।
इस सार्वजनिक खरीद अधिनियम में कर्नाटक पारदर्शिता का उल्लंघन करने और सरकारी मंजूरी के बिना उपकरण खरीदने का आरोप है। दिनांक 27.12.2023 की जांच रिपोर्ट की समीक्षा करने पर, यह स्पष्ट है कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय द्वारा पीपीई किट और अन्य उपकरण खरीदते समय निविदा खरीद नियमों का उल्लंघन किया गया था। कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान पीपीई किट और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच के बाद राज्य लेखा और लेखा परीक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को निलंबित कर दिया है। जीपी रघु, महामारी के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय सलाहकार थे। उन पर सार्वजनिक खरीद अधिनियम में कर्नाटक पारदर्शिता का उल्लंघन करने और सरकारी मंजूरी के बिना उपकरण खरीदने का आरोप है। दिनांक 27.12.2023 की जांच रिपोर्ट की समीक्षा करने पर, यह स्पष्ट है कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय द्वारा पीपीई किट और अन्य उपकरण खरीदते समय निविदा खरीद नियमों का उल्लंघन किया गया था।

कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 ‘घोटाले’ से जुड़ी एक रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) और एक कैबिनेट उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया। न्यायमूर्ति माइकल डी कुन्हा जांच आयोग ने राज्य में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान, कोविड-19 महामारी के समय उपकरणों और दवाओं की खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच करने के बाद यह रिपोर्ट दी है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एसआईटी और कैबिनेट उप समिति गठित करने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय कैबिनेट उपसमिति का गठन किया। गृह मंत्री जी परमेश्वर, विधि मंत्री एच के पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे, श्रम मंत्री संतोष लाड और चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल समिति के सदस्य हैं।

आंशिक’ रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है : मंत्री एच के पाटिल
कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने बाद कहा कि 31 अगस्त को 11 खंडों में प्रस्तुत ‘आंशिक’ रिपोर्ट में आयोग ने 7,223.64 करोड़ रुपये के खर्च की जांच की। मंत्री ने कहा कि उन्होंने इतनी बड़ी राशि के दुरुपयोग को नहीं इंगित किया है लेकिन आयोग ने 500 करोड़ रुपये की वसूल किये जाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘आयोग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के चार जोन और राज्य के 31 जिलों से रिपोर्ट मांगी है और उसे अभी तक रिपोर्ट नहीं मिली है। संबंधित विभागों से 55,000 फाइलों का सत्यापन करने के बाद ‘आंशिक’ रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।’


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