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लोक प्रिय और न्याय प्रिय आईपीएस अधिकारी अनुराग आर्य का आजमगढ़ से ट्रान्सफर होते ही नायक की कमी का एहसास होने लगा है, जानिए सुपर नायक के वीरता की कहानी

लखनऊ।दरअसल, अनुराग आर्य 2013 बैच के IPS अधिकारी हैं। वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के छपरौली के रहने वाले है। उनकी शुरूआती पढ़ाई गांव से ही हुआ था। उसके बाद उन्होंने 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में बैठे और उनका चयन आरबीआई में हुआ। वहीं, उनका मन इस नौकरी में नहीं लग रहा थी। वह कुछ महीने नौकरी करने के बाद फिर उन्होंने यूपीएससी की परिक्षा दी। इसके बाद उन्हें आईपीएस की नौकरी मिल गई।

इसके बाद शुरू हुआ न्याय अन्याय के खिलाफ़ जंग की लड़ाई सुर्खियों में तब आए जब आईपीएस अनुराग आर्य वर्ष 2019-20 तक मऊ जिले में तैनात थे। इसी बीच पहली बार अनुराग आर्य ने मुख्तार से टक्कर लिया और उस पर कार्रवाई करने लगे। पहले मुख्तार के बूचड़खाने पर कार्रवाई करते हुए उनके 26 लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तरह कार्रवाई शुरू की। फिर उसके बाद उसके ठिकानों पर बुलडोजर लचाया। इसी समय आईपीएस अनुराग आर्य के नाम चर्चा में आने लगा। आम जनता के जुवान पर आईपीएस अनुराग आर्य का नाम गुंजने लगा। मुख्तार अंसारी के साथ-साथ उसके भाई के साम्राज्य पर बड़ा प्रहार करते हुए करोड़ों की संपत्ति जप्त किया। जिसके बाद अंसारी का कमर टुटने लगा।

एक समय था जब माफिया मुख्तार अंसारी नाम ही पूरे उत्तर प्रदेश में काफी था। जिस सड़क से मुख्तार का काफिला गुजरता था, वहा आम जनता खुद अपना सड़क बदल लेती थी। अपराध की दुनिया में मुख्तार अंसारी का नाम ही काफी था। उससे टक्कर लेने की किसी में ही हिम्मत नहीं थी। इसके साथ ही अगर मुख्तार अंसारी जेल में रहता तो जेलर भी वहां से भाग जाता था। या फिर तबादला करवा लेते थे।बता दें कि मुख्तार अंसारी को टक्कर देने वाला पहला IPS अनुराग आर्य की कहानी भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, पहली बार कोई IPS अनुराग आर्य थे जो मुख्तार अंसारी से टक्कर लिए थे। इसके साथ ही उन्होंने मुख्तार के कई ठिकानों पर बुलडोजर चलवाया था। इसके अलावा, मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करना शुरू कर दिया था।

फिर आजमगढ़ जैसे जनपद में भी अपराधियों को जेल की हवा और अपराध मुक्त बनाने में क्लीन अभियान चला कर चौतरफ़ा माफिया तंत्र को परस्त किया, पुलिसिया कार्य शैली में जनता में विश्वास बढ़ाया।
26 अक्टूबर 2021 को पद भार ग्रहण करने के बाद लगातार 25 जून 2024 तक आजमगढ़ जनता के लिए न्याय की मूर्ति के बतौर माने जाते रहे।अब इनके जगह तेज तर्रार पुलिस अधिकारी हेमराज मीना कार्यभार संभालेगे।


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