ईवीएम अब कोई मुद्दा नहीं', चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बोले चीफ इलेक्शन कमिश्नर कि....
, 'ईवीएम 2004 से अस्तित्व में आई थी और 315 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने ईवीएम का इस्तेमाल किया है। हम गर्व करते हैं कि इस देश ने एक ऐसी मशीन विकसित की है जो सटीक और तेज परिणाम देती है।'मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को कहा ईवीएम का इस्तेमाल अब कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिये बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।चंद्रा का ध्यान जब इस ओर दिलाया गया कि चुनाव हारने वाले दल ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा, 'ईवीएम अब कोई मुद्दा नहीं है।' 'चुनाव आयोग ने उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में मतदान के लिए 14 फरवरी का दिन तय किया है। उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च, सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होगा। मणिपुर में पहले चरण की वोटिंग 27 फरवरी और दूसरे चरण के लिए 3 मार्च को वोटिंग होगी। सभी राज्यों के नतीजे 10 मार्च को घोषित कर दिए जाएंगे।इन पांच राज्यों में से चार में बीजेपी की सरकार है जबकि पंजाब में कांग्रेस सत्ता में है। चुनावी बिगुल बजने से साथ इन पांच राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। मतदान कार्यक्रम के अलावा, पूरे भारत में मामलों की बढ़ती संख्या के बीच कोविड-19 प्रोटोकॉल की भी घोषणा भी हुई।।
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