ब्लॉक प्रमुखी और जिला पंचायत अध्यक्षीय के चुनाव में ग्रहण
लखनऊ. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब एक बड़ा फैसला लिया गया है. उत्तर प्रदेश में अब ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनावों को टाल दिया गया है. जानकारी के अनुसार अब ये चुनाव 15 जून के बाद होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि इससे पहले पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 15 से 20 मई के बीच होने थे लेकिन अब इन्हें टाल दिया गया है.
गौरतलब है कि यूपी में 75 जिला पंचायत अध्यक्षों और 826 ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव होना है. नवनिर्वाचित 3050 सदस्य 75 जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव करेंगे. वहीं 75,845 क्षेत्र पंचायत सदस्य 826 ब्लॉक प्रमुखों को चुनने के लिए मतदान करेंगे. जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए प्रमुख दलों द्वारा समर्थित उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे गए थे. पंचायत चुनाव चूंकि पार्टी सिंबल से नहीं लड़ा जाता है इस कारण विजेता सदस्यों को लेकर दलीय दावों में एकरूपता हो पाना आसान नहीं है.लखनऊ, 10 मई। इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार बनाने के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण अगला कदम बढ़ाने से हिचक रही है। गांवों में भी तेजी से बढ़ते मामलों के कारण अब प्रदेश सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष तथा ब्लाक प्रमुख का चुनाव फिलहाल टालने का फैसला किया है। अब सरकार की प्राथमिकता पर कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर नियंत्रण करना है। उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग ने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को कोरोना वायरस से बढ़ते संक्रमण के कारण फिलहाल टाल दिया है। अब इनको 15 जून के बाद कराने का कार्यक्रम जारी हो सकता है। पहले जिला पंचायत अध्यक्ष तथा ब्लाक प्रमुख का चुनाव 15 से 20 मई के बीच होना तय माना जा रहा था। फिलहाल सरकार ने 17 मई कोरोना कर्फ्यू लगा रखा है, जिसके कारण भी यह संभव नहीं था। इस दौरान तमाम तरह की बंदिश होती है।
उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव के साथ ही क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत सदस्य का चुनाव कराया गया था। अब 75 जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ 826 ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव होना है। नवनिर्वाचित 3050 सदस्य 75 जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव करेंगे। इनके साथ 75,845 क्षेत्र पंचायत सदस्य 826 ब्लॉक प्रमुखों को चुनने के लिए मतदान करेंगे। जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए प्रमुख दलों ने समर्थित उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। जिला व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष पदों के चुनाव में प्रमुख दलों के निर्वाचित सदस्यों से अलावा निर्दलीयों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। प्रदेश में इस बार 3050 विजेता में निर्दलीयों की संख्या ही सर्वाधिक है। इसी कारण अब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इनकी भूमिका काफी अहम होगी। जोड़तोड़ वाले इस चुनाव में सत्ता का दखल निर्णायक होता है। इसके साथ ही धनबल और बाहुबल भी जिला पंचायत अध्यक्ष तथा ब्लाक प्रमुख का चुनावी समीकरण बनाते बिगाड़ते हैं।
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