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उत्तर प्रदेश योगी सरकार के मंत्रिमंडल में होंगे बड़े बदलाव, राज्यपाल से मिलने के लिए सीएम ने मांगा समय, मीडिया में यह भी चर्चा...


उत्तरप्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव हो सकते हैं। बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई मंत्रियों के साथ बैठक की है। सूत्रों के अनुसार संगठन के स्तर पर भी उत्तरप्रदेश में बड़े बदलाव हो सकते हैं। बैठक में उपचुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है। आम सहमति बनी है कि, उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट मिलेगा जो पार्टी को जीत दिला सकते हैं। इसके अलावा एक जानकारी और सामने आई है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को राज्यपाल के मीटिंग कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। बुधवार शाम 6 बजे सीएम योगी राज्यपाल से मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री, राज्यपाल क्यों मिलने जा रहे हैं इसे लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। माना जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर ये मुलाक़ात हो रही है। 

सूत्रों के अनुसार सीएम इस्तीफ़ा नहीं देंगे लेकिन मंत्रिमंडल के स्तर पर बड़े बदलाव होने जा रहे हैं।

10 सीटों पर उप चुनाव को लेकर मंथन :

बता दें कि, लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद उत्तरप्रदेश भाजपा बड़े परिवर्तन की तैयारी में है। फिलहाल फोकस उप चुनाव पर है। बुधवार को सीएम ने मंत्रियों के साथ बैठक की। इसमें स्पष्ट कहा गया कि, सिफारिशों से टिकट का वितरण नहीं होगा बल्कि पार्टी को जीत दिला पाने वाले प्रत्याशी को ही मौका दिया जायेगा।

लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हलचल :

लखनऊ में तो मुलाकातों का दौरा जारी है लेकिन दिल्ली में सियासी गर्मागर्मी है। केशव प्रसाद मौर्य ने बीते दिन भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की थी। इसके बाद भूपेंद्र चौधरी भी मुलाकात के लिए पहुंचे थे। यहां चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन और संगठन से लेकर सरकार तक में बड़े बदलाव किए जाने पर चर्चा हुई है। 

पार्टी का शीर्ष नेतृत्व का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विशवास कायम है इसलिए सीएम की कुर्सी से योगी हटने वाले नहीं है।

कुछ मीडिया एजेंसियों में ऐसी भी खबर है कि," उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे में कोई बदलाव नहीं होगा। देखा जाए तो लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही उत्तर प्रदेश की BJP में ताप बढ़ गया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य परोक्ष रूप से बार बार इस बात को उठा रहे हैं कि राज्य में पार्टी और सरकार के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है अब केशव प्रसाद मौर्य के बयान तो इसी ओर इशारा करते हैं।

 उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बीते मंगलवार को BJP के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। BJP अध्यक्ष के साथ बैठक के बाद मुख्यालय से बाहर निकलते समय मौर्य ने मीडियाकर्मियों के सामने कोई टिप्पणी भी नहीं की थी। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के बीच एक बार फिर तलवारें खिचीं नजर आ रही हैं।

जानकारी दें कि उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव से पहले BJP के अंदर जबर्दस्त मंथन चल रहा है। BJP में ये हलचल दरअसल हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद हो रहे हैं, जहां पार्टी को मनमाफिक सफलता नहीं मिली। इसके बाद से ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान और उनके BJP के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात के बाद से उत्तर प्रदेश के सियासत का ताप बढ़ा दिया है।"
पता हो कि डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बड़े नेताओं में एक रहे हैं। साल 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश BJP का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। फिर साल 2017 का विधानसभा चुनाव पार्टी ने उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा और बड़ी जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद मुख्यमंत्री की रेस में उनका भी नाम था। लेकिन तब योगी आदित्यनाथ ने रेस जीत ली। जानकारों का मानना है कि दोनों के बीच कलह की शुरुआत यहीं से हो गई थी। जो समय-समय पर आज भी सबके सामने आ जाती है।

जानकारी हो कि इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में BJP को सबसे बड़ा झटका लगा है। साल 2019 में कुल 80 में से 62 सीटें जीतने वाली BJP, इस बार लुढ़क कर सिर्फ 33 पर रह गई। ये पार्टी और योगी सरकार के लिए अप्रत्याशित हार थी, क्योंकि इस राज्य को लेकर BJP बहुत ज्यादा आश्वस्त थी।


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