सपा, कांग्रेस के इस फैसले से नाराज हुईं मायावती, अखिलेश-राहुल का नाम लिए बिना किया बड़ा दावा
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले दिन सपा-कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष संविधान की किताब लेकर संसद पहुंचे थे. इस पर मायावती ने बिना किसी नेता का नाम लिए गंभीर आरोप लगाए हैं।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, संसद में विपक्ष द्वारा संविधान की कॉपी दिखाई जाने के मामले में ये सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे लग रहे हैं और इन दोनो ने मिलकर इस संविधान को जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी संविधान बना दिया. सत्ता और विपक्ष की दोनो की अंदरूनी मिलीभगत है. दोनों ही सत्ता विपक्ष की अंदरूनी मिलीभगत से जबरदस्ती संविधान बचाने का नाटक किया जा रहा. बसपा चीफ ने कहा श्अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ये दोनों ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ।
ये कतई उचित नहीं है. इन दोनों ने अंदर-अंदर मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए की अब ये समतामूलक, धर्म निरपेक्ष नहीं बल्कि पूंजीवादी, जातीवादी और सांप्रदायिक संविधान बनकर रह गया. ये दोनों ही आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और एससी, एसटी, आदिवासी को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते. बता दें सपा और कांग्रेस के सांसद , संसद में सोमवार को संविधान की कॉपी लेकर पहुंचे थे.
इतना ही नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बतौर वाराणसी सांसद शपथ लेने पहुंचे तब राहुल गांधी ने उन्हें संविधान की कॉपी दिखाई. सपा के सभी 37 सांसद भी संविधान लेकर संसद पहुंचे. लोकसभा चुनाव के दौरान भी सपा और कांग्रेस ने एक सुर में संविधान और आरक्षण बचाने का मुद्दा उठाया था. बीजेपी का मानना है कि यूपी में विपक्ष के झूठे प्रचार का नुकसान हुआ।
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