ओम प्रकाश राजभर का मोदी सरकार की जमकर तारीफ ,इशारा साफ....
लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने योगी आदित्यनाथ सरकार की फिर से तारीफ की है। उन्होंने प्रदेश सरकार के सरकारी नौकरियों में ओबीसी में शामिल 79 अतिपिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन करने के फैसले का स्वागत किया है।
सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने कहा कि इस आकलन के बाद जो तथ्य सामने आए उसके मुताबिक उपेक्षित व वंचित जातियों को उनका हक देने का काम प्रदेश सरकार करे। अति पिछड़ी जातियों को उचित न्याय देने के लिए प्रदेश सरकार को सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लागू करने पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। तभी ओबीसी में शामिल 79 अतिपिछड़ी जातियों को उनका प्रतिनिधित्व मिल पाएगा।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में मंत्री रहते हुए उन्होंने अति पिछड़ी जातियों की भागीदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की लम्बी लड़ाई लड़ी। जिसके बाद सामाजिक न्याय समिति का गठन सरकार ने किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दे दी थी लेकिन उसकी सिफारिशों पर अमल नहीं किया गया। प्रदेश सरकार को बिना देरी किए आकलन का काम पूरा करने के साथ इन जातियों को न्याय देने का काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लगातार सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को लागू करने की लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक किए जाने पर प्रदेश सरकार ने गंभीरता दिखाई है। ओमप्रकाश राजभर ने सरकारी नौकरियों में ओबीसी में शामिल 79 उप जातियों की सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी का आकलन कराने के फैसले पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों को पूरी तरह लागू कर अतिपिछड़ो को भागीदारी देने का काम करे। समिति ने गहन अध्ययन के बाद जो वस्तुस्थिति से उसे अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। उसी के आधार पर सिफारिशें भी की गई हैं।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि प्रदेश सरकार यदि ऐसा करती है तो अति पिछड़े वर्गों के साथ हो रहे सामाजिक अन्याय से मुक्ति मिलेगी और उनकी भागीदारी होने की उम्मीद जगेगी और इस वर्ग को वास्तविक सामाजिक न्याय मिल पाएगा। बता दें कि सरकारी नौकरियों में पिछड़ी जातियों के लोगों का क्या प्रतिनिधित्व है, इसका पता लगाने को लेकर योगी सरकार नए सिरे से सभी विभागों में पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व का आकलन कराने का अभियान चलाने का फैसला किया गया है। इसके लिए सरकार ने सभी विभागों से ब्यौरा मांगा है। इससे यह पता लगाया जा सके कि सभी विभागों में प्रदेश की पिछड़ी जातियों की 79 उप जातियों में से किस जाति का कितना प्रतिनिधित्व है और कितने कर्मचारी हैं।
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