विद्यार्थी अपने व्यक्तित्व को निखारेः प्रो. निर्मला एस. मौर्य
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शनिवार को पूर्वांचल विश्वविद्यालय एलुमिनी मीट का आयोजन किया गया। इस मीट का आयोजन पूर्वांचल यूनिवर्सिटी एल्युमुनी एसोसिएशन (पूआ) द्वारा आयोजित किया गया था। पुरातन छात्रों को देखकर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे और उत्साह का संचार महसूस करने लगे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं पुरातन छात्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. संतोष कुमार सिंह ने कहा कि विद्यार्थी रोजगार के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण के लिए काम करें। इसके लिए उन्हें प्रेरित करना विश्वविद्यालय का भी दायित्व है। विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय शिक्षा से ही नहीं संस्कार और परंपरा से भी आगे बढ़ता है। पूर्वांचल के विद्यार्थियों में ऊर्जा की कमी नहीं है, पुरातन छात्रों को विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के विकास के लिए संकल्प लेना चाहिए।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि हर व्यक्ति अपने आप में अनोखा है उसकी अपनी अलग पहचान होती है वह अपने व्यक्तित्व को निखारने का प्रयास करें किसी दूसरे की नकल ना करें, जब आपका काम अच्छा होगा तो मातृशक्ति का सम्मान अपने आप आगे बढ़ता है और उस संस्था का नाम रोशन होता है। उन्होंने मोहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य पद्मावत के बारहमासा का जिक्र कर बचपन की पुरानी यादें ताजा कर दीं। यह रचना उन पर सटीक बैठती थी जो पुरातन छात्र यहां आकर महसूस कर रहे थे।
पूआ एसोसिएशन के सचिव और विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि पद को कर्तव्य से जोड़ने से समस्या का समाधान हो जाता है। पुरातन छात्रों का विद्यार्थियों के साथ भावनात्मक रिश्ता बनता है और जब मिलते हैं तो कुछ आप बीती कुछ जग बीती होती है जिससे आपस में गहरा लगाव हो जाता हैं।
इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत डा. आशुतोष सिंह और विषय प्रवर्तन एसोसियशन के बारे में विस्तृत परिचय प्रो. राजेश शर्मा ने किया।
समारोह का संचालन प्रोफेसर मुराद अली और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. एसपी तिवारी किया। इसके बाद तकनीक सत्र चला। एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डा. रसिकेश ने बताया कि पूआ और यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार दिलाने में एक सेतु का काम करेगा।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी संजय राय, परीक्षा नियंत्रक वी एन सिंह, सहायक कुलसचिव अमृत लाल, बबिता सिंह, प्रो.बीबी तिवारी, प्रो. वंदना राय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. राम नारायण, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो.रजनीश भास्कर, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. सुरजीत यादव, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. नुपुर तिवारी, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ.रसिकेश, डॉ प्रमोद कुमार यादव, डॉ.सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. नीतेश जायसवाल, डा. पुनीत धवन, डा. श्याम कन्हैया सिंह, डा. श्रवण कुमार आदि लोग उपस्थित थे।
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