अतिक्रमण की शिकार हैं बाजार की पटरियां , लोगों में आक्रोश : मऊ
मऊ : हमारे गावों कस्बों और शहरों की आबादी लगातार तीव्र गति से बढ़ती जा रही है तो हालिया वषोॅ में गाडियों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है जबकि हमारी सड़के 30 _ 40 वर्ष पहले जितनी ही चौडी है जिससे प्रायः दुर्घटनाएं होती रहती हैं | इन दुर्घटनाओं के लिए जहाँ वाहनों की तेज रफ्तार , चालकों की लापरवाही और कुछ अन्य वजहें जिम्मेदार होती हैं वहीं कस्बों में सड़क किनारे की पटरियों पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण भी एक तरह से कोढ़ में खाज ही साबित हो रहे हैं | स्थानीय बाजार के मुख्य मार्ग की दोनों पटरियां एक अरसे से अतिक्रमणकारियों के निशाने पर हैं | छोटा _ मोटा व्यवसाय कर अपने परिवार के लिए जीविका उपार्जित करने का अधिकार पटरी व्यवसायियों का भी है किंतु अपने भले के लिए दूसरों की जान जोखिम में डालना कहीं से भी न्यायोचित नहीं कहा जा सकता | हालांकि यदा _ कदा दुर्घटना की जद में पटरी पर व्यवसाय चलाने वाले भी आ जातें हैं | पटरी पर अतिक्रमण के विरुद्ध स्थानीय निवासियों मुन्ना, मुनीर, खरभान , मो० तारिक तथा विजय कुमार आदि ने अतिक्रमण के विरुद्ध आक्रोश जताया |
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