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कानपुर में पकड़ी गई दो करोड़ की नकली दवाएं, गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार, नशीली दवा सप्लाई के नेटवर्क को खंगाल रही क्राइम ब्रांच
● क्राइम ब्रांच ने पकड़ी दो करोड़ कीमत की नकली दवाएं
● लखनऊ के अमीनाबाद क्षेत्र में बना रखे थे गोदाम
● गुजरात, हिमांचल प्रदेश और उत्तराखंड से भी जुड़े हैं तार
● शहर के एक दर्जन मेडिकल स्टोर्स में भी खप रही थी दवाएं
● क्राइम ब्रांच की टीम और लखनऊ पुलिस ने दी दबिश
● नशीली दवा सप्लाई के नेटवर्क को खंगाल रही क्राइम ब्रांच
लखनऊ/कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में क्राइम ब्रान्च ने 2 करोड़ कीमत की नकली दवा पकड़ी। कल दिनांक 22-06-2021 यानि मंगलवार को कानपुर नगर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दवाओं की सप्लाई करने वाले गिरोह के 1 आरोपी को किया गिरफ्तार।
शहर में खपाने के लिए लाए जा रहे नकली दवाओं के जखीरे को कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने बरामद किया है। पकड़ी गई दवाओं की बाजार में कीमत करीब दो करोड़ रुपये आंकी गई है। क्राइम ब्रांच ने दवाओं की सप्लाई करने वाले गिरोह के एक सदस्य को भी गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच ने सोमवार को नकली व नशीली दवाओं के सप्लाई गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था। दोनों अभियुक्तों ने गहनता से पूछताछ के दौरान जो राज उगले उसपर क्राइम ब्रांच ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया। इसी के चलते महज महज 24 घंटे के अंदर क्राइम ब्रांच के हाथों दो करोड़ रुपये की दवाओं का जखीरा लगा। पुलिस ने गैंग में शामिल तीसरे अभियुक्त किदवई नगर निवासी सचिन यादव को भी गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच की टीम की नजर में अब शहर के करीब 12 मेडिकल स्टोर हैं जहां पर इन दवाओं को खपाया जा रहा था। अमीनाबाद में थे गोदाम दवाओं का लखनऊ कनेक्शन जानने के बाद क्राइम ब्रांच ने लखनऊ पुलिस के साथ एक-एक कड़ियां जोड़नी शुरू कर दीं।
लखनऊ के अमीनाबाद क्षेत्र में बना रखे थे गोदाम
तब पता चला कि लखनऊ के अमीनाबाद थाना क्षेत्र के कसाई बाड़ा और भानुमति चौराहा माडल हाउस के पास छापेमारी करके नकली दवाओं के दो गोदाम बने हैं। छापेमारी करके यहां पर करीब 22 तरह की नकली दवाएं बरामद हुई हैं।
गुजरात, हिमांचल प्रदेश और उत्तरराखंड से भी जुड़े हैं तार
नकली दवाओं के पूरे नेटवर्क को खंगालते हुए क्राइम ब्रांच को अहम जानकारी हाथ लगी। यह नकली दवाएं हिमांचल प्रदेश के बद्दी, उत्तजराखंड के देहरादून और रुड़की, गुजरात के अहमदाबाद से लाकर लखनऊ में बने गोदामों में जमा की जाती थीं।
दवाओं की बुकिंग के लिए बना रखे थे कोडवर्ड
दवाओं की सप्लाई और बुकिंग के लिए गैंग के सदस्य आपस में कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे। पकड़ी गई जिफी दवा के लिए पारले जी और पेनटाक के लिए कैडबरी कोड बना रखा था। ताकि कभी किसी को शक न हो सके।
तीन तरह से बनती थी नकली दवाएं
गैंग के पकड़े गये सदस्यों ने बताया कि नकली दवाएं तीन तरह से बनाई जाती हैं। एक तो साल्ट की जगह खड़िया भरते थे, दूसरी तरह की नकली दवा में हल्का साल्ट मिलाया जाता था और तीसरी नकली दवाएं ब्रांडेड दवाओं के लेवल को सस्ती मिलने वाली जेनेरिक दवाओं पर लगाकर तैयार किया जाता था।
सोमवार को पकड़े थे दो सदस्य
सोमवार को क्राइम ब्रांच टीम ने दबौली टेंपो स्टैंड के पास से चकेरी के पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू और बेकनगंज आसिफ मोहम्मद खाँ उर्फ मुन्ना को दबोचा था। इनके पास से 05 गत्तो में NITRAVET-10 (nitrazepam) के 59 डिब्बे में 17770 टैबलेट और ZIFI 200 के कुल 320 डिब्बे बरामद हुए हैं जिनमें 48000 टैबलेट बरामद हुए थे।
रोडवेज बस थी सप्लाई का माध्यम
अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि पिन्टू गुप्ता उर्फ गुड्डू लखनऊ से इन दवाओं को लाकर आसिफ मोहम्मद खाँ उर्फ मुन्ना को सौंपता था। सप्लाई रोडवेज बसों द्वारा की जा रही थी। माल लोड होने के बाद उस बस और नंबर प्लेट की फोटो खींचकर व कंडक्टर का मोबाइल नंबर व नाम एक पर्ची में लिखकर वाट्सअप के माध्यम से भेज दी जाती थी।
यह दवाएं हुई बरामद
टैक्सिम, आइटी मैक, क्रूसेफ,पेंटाप डीएसआर, जिफी, ड्यूनेम, कानकेफ, एजीरिस, शेलकोल, ओमेज, मोनोसेफ, वेजीथ्रो, नोवार्टिस, डेका डूयराबोलिन, एसीलॉक डी, वीसेफ, वी मॉक्सो, मेफटालपस
क्राइम ब्रांच नकली दवा गैंग के सरगना की तलाश में जुटी है साथ ही जिन राज्यों में नकली दवाएं बनायी जा रही है उन फैक्ट्रियों में भी छापे मारी की तैयारी चल रही है। 24 घंटे के अंदर क्राइम ब्रांच ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर करीब दो करोड़ कीमत की दवाएं बरामद की हैं।
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