पत्रकार के दफ्तर पर एसडीएम का चला बुल्डोजर ,गैरकानूनी का पत्रकार ने लगाया आरोप...
बिलरियागंज/आजमगढ़ उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन के मंडल महामंत्री एस के दत्ता के दफ्तर पर एस डी एम सदर द्वारा चलाया गया बुलडोजर वस्तुत: लोकतंत्र पर चलाया गया है। जिसकी उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 24 मार्च को एसडीएम सदर द्वारा वरिष्ठ छायाकार श्री एस के दत्ता महामंत्री उपजा के वैधानिक रूप से बनाए गए दफ्तर को गैरकानूनी ढंग से बुलडोजर लगा कर गिरा दिया गया। जिसमें समाचार पत्र पायनियर के कार्यालय सहित लाखों का सामान व कुछ नकदी भी जमींदोज हो गया।
विगत 12 मार्च को वरिष्ठ छायाकार श्री दत्ता के विरुद्ध नोटिस जारी की गई जिसका तामिला 23 मार्च को कराया गया। नोटिस में 25 मार्च तक अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया था। परंतु बिना पक्ष सुने ही एसडीएम सदर द्वारा 24 मार्च को शाम 07 बजे स्ट्रीट लाइट बंद कर कोतवाल एवं अन्य सिपाहियों के साथ एसडीएम सदर स्वयं खड़े होकर बुलडोजर से विधिसम्मत ढंग से नगरपालिका से अनुमति लेकर बनाए गए कार्यालय को ध्वस्त कर दिया गया, जिसका कि किराया भी समय से वरिष्ठ पत्रकार द्वारा नगर पालिका को दिया जाता रहा है। सुनवाई की तिथि घोषित कर उसके पहले ही अनुचित कार्यवाही किया जाना कहां का न्याय है और यह कैसा कानून है जिसमें जनता का अहित है और ऐसे सरफिरे अफसरों को बल प्रदान कर रहा
है मनमानी करने का, कानून तोड़ने का, जनता को पीड़ा पहुंचाने का। पीड़ित से मिलने, पीड़ित का पक्ष सुनने का जिसके पास समय न हो, अपने द्वारा ही दिए गए आदेश को जो अधिकारी कूड़ा समझता हो, उससे जनता का हित नहीं हो सकता।
लोकतंत्र का चौथे स्तंभ पर किया गया यह कठोरतम प्रहार है। जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह स्वीकार करना भी बड़ा कठिन लगता है की इस अधिकारी के मनमानेपन से जनता खुश नहीं, वकील खुश नहीं, कर्मचारी खुश नहीं और पत्रकारों पर तो जो सीधा प्रहार करता हो , वह लोकसेवक कैसे हो सकता है साहब। लोकतंत्र की मर्यादा को जो तार तार करता हो, स्वयं को राजा समझता हो, तानाशाही रवैया अपनाया हो उसकी मनमानी पर सभी उच्च अधिकारी मौन कैसे हैं।
इस घटना पर उत्तर प्रदेश जनर्लिस्ट एसोसिएशन ने मांग किया है कि उक्त प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, दोषी अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध कड़ा निर्णय लिया जाय। जिससे कानून का शासन बना रहे, कानून पर विश्वास बना रहे, पत्रकारिता भी निर्भीक तरीके से लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका निभाती रहे।
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