प्रवर्तन निदेशालय ने की बड़ी कार्रवाई, बसपा के पूर्व एमएलसी मोहम्मद इकबाल की 1097 करोड़ 18लाख 10,250 की कीमत की संपत्ति अटैच - लखनऊ
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बीएसपी शासनकाल में हुए 1100 करोड़ के चीनी मिल घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने बसपा के पूर्व एमएलसी और सहारनपुर के खनन माफिया मोहम्मद इकबाल की 1097 करोड़ 18 लाख 10,250 रुपये की संपत्तियों को अटैच किया। ईडी ने मोहम्मद इकबाल की की कुल सात संपत्तियों को अटैच किया है। हाजी इकबाल पर कई और भी आरोप हैं, जिनमें अवैध खनन से नामी, बेनामी संपत्ति खरीदने जैसे मामले हैं। बताया जा रहा है कि 2500 करोड़ की संपत्तियां ईडी के निशाने पर हैं।
बीएसपी चीफ मायावती के शासनकाल में वर्ष 2010 से लेकर 2011 के दौरान करीब 11 चीनी मिलों को औने- पौने दाम पर बेचा गया था। पूरे प्रदेश में कुल 21 से ज्यादा चीनी मिल को बेहद कम दाम पर बेचने का आरोप है। इनमें से कई चीनी मिलों की बिक्री पर अब भी जांच चल रही है। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े से केंद्र और राज्य सरकार को करीब 1,179 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 12 अप्रैल, 2018 को चीनी मिल घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश की थी। सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने अप्रैल, 2019 में चीनी मिल घोटाले का केस दर्ज किया था। सीबीआइ ने लखनऊ के गोमतीनगर थाने में सात नवंबर 2017 को दर्ज कराई गई एफआइआर को अपने केस का आधार बनाते हुए सात चीनी मिलों में हुई धांधली में रेगुलर केस दर्ज किया था, जबकि 14 चीनी मिलों में हुई धांधली को लेकर छह प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की गईं थीं। करोड़ों के भ्रष्टाचार के इस मामले में सीबीआइ के साथ-साथ ईडी ने भी सक्रियता बढ़ा दी थी। घोटाले में सीबीआइ के बाद प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया था। लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने यह कार्रवाई की थी।
सीबीआइ ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, छितौनी व बाराबंकी स्थित सात चीनी मिल खरीदने के मामले में दिल्ली निवासी राकेश शर्मा, उनकी पत्नी सुमन शर्मा, गाजियाबाद निवासी धर्मेंद्र गुप्ता, सहारनपुर निवासी सौरभ मुकुंद, मु.जावेद, मु.वाजिद अली व मु.नसीम अहमद के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया था।
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