चालान से बचना है तो महाकुंभ में ये गलती मत करना, वसूला गया 4 लाख से ज्यादा का जुर्माना
महाकुंभ नगर। भीषण जाम का कारण बन रहे वाहनों के खिलाफ पुलिस ने अब सख्ती अपनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। निर्धारित पार्किंग की बजाय जहां-तहां खड़े किए 163 वाहनों का चालान किया। इसके साथ ही वाहन स्वामियों से चार लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना वसूल किया। कार्रवाई का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया भी जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं के यातायात को सुगम व सुरक्षित बनाया जा सके।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महाकुंभ में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। वाहन चालकों से अपील की जा रही है कि वह अपने-अपने वाहनों को निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क करें, लेकिन तमाम वाहन स्वामी चालक नहीं मान रहे हैं। वह अपनी गाड़ियों को सड़क किनारे और दूसरे स्थानों पर खड़ी करके स्नान करने चले जा रहे हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।
जाम लगने की स्थिति में उन वाहनों को समय पर हटाने में काफी कठिनाई भी होती है। ऐसे में अवैध रूप से पार्क किए गए 163 वाहनों को एमवी एक्ट में चालान किया गया। वाहन स्वामियों, चालकों से चार लाख सात हजार रुपये से अधिक का जुर्माना भी वसूल किया गया। यह कार्रवाई आगे भी होती रहेगी, ताकि श्रद्धालुओं को संगम तक जाने और उसके बाद गंतव्य तक पहुंचने में कोई कठिनाई न हो।
*भीड़ से बस अड्डे पर ब्लाक की स्थिति*
सड़क जाम है। बस अड्डे भरे हैं। रूट जगह-जगह डाइवर्ट हैं। हजारों की भीड़ पार्किंग स्थलों पर फंसी है। अब बिना स्नान पर्वों के ही महाकुंभ क्षेत्र में उमड़ रही भीड़ से रोडवेज की प्राथमिक योजना को बदलना पड़ा है। पार्किंग स्थल व रूटों पर आपात प्लान लागू कर दिया गया है।
यात्रियों को तेजी के साथ बाहर निकालने के लिए रिजर्व बसों का बेडा भी उतर आया है। शनिवार को नेहरू पार्क की पार्किंग फुल हो जाने के कारण बेली कछार में निजी वाहनों को भेजे जाने का क्रम शुरू हुआ। वहां से यात्रियों को आगे ले जाने व हालात को संभालने के लिए रोडवेज ने तत्काल आपात प्लान लागू कर दिया है।
अब शटल बसों का संचालन यहां से हो रहा है। कानपुर रोड पर बेली कछार का इलाका रिजर्व रखा गया था। मौनी अमावस्या के दौरान भी इसे खेलने की आवश्यकता नहीं पड़ी थी। लेकिन अब चार पहिया वाहनों की भीड़ का रेला ऐसा चल पड़ा है कि प्रयागराज आने वाले हर मार्ग पर वाहन ही वाहन हैं।
रोडवेज बसें भी इस जाम में फंस रही हैं। जिससे अस्थायी बस अड्डों पर वह समय से नहीं पहुंच पा रही हैं। इससे स्नान के बाद जो यात्री बस अड्डों पर पहुंच रहे हैं, उन्हें गंतव्य तक भेजना कड़ी चुनौती बन गया है। शनिवार को शाम छह बजे लगभग 53 हजार लोगों ने शटल बस से यात्रा की । जबकि शनिवार को साढ़े 56 हजार से अधिक लोगों ने शटल बसों का उपयोग किया था।
हालांकि इन बसों का उपयोग भी एक सीमित दायरे में हैं। सीटों की संख्या निश्चित हैं, पर यात्री असंख्य हैं। हर दिन 400 से अधिक शटल बसों का संचालन किया जा रहा है लेकिन यात्रियों की संख्या के सापेक्ष यह बेहद ही कम नजर आ रहा है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि यात्री के सुगम आवागमन के लिए बेली कछार से भी शटल बसों का संचालन शुरू कर दिया गया है।
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