भारत और म्यांमार को बेचे गए हथियारों को वापस खरीद रहा है रूस, जानें आखिर क्यों उठ रहे है सवाल...
नई दिल्ली: फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से, अमेरिका, यूरोपीय देशों और जापान ने उन सामानों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनका उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए रूस को किया जा सकता है।रूस यूक्रेन युद्ध शुरू हुए एक साल से अधिक का वक्त गुजर चुका है। रूस को इस युद्ध में वैसी सफलता नहीं मिल सकी है जिसकी उसे उम्मीद थी। उल्टा उसे इतना नुकसान पहुंचा है। निक्केइ एशिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि वह भारत और म्यांमार से अपने हथियारों को वापस लेने पर विचार कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक रूस उन्हीं देशों से ये हथियार वापस मांगेगा जिनके साथ उसके लंबे समय से सैन्य संबंध हैं। भारत और रूस के बीच मजबूत सैन्य और राणनीतिक रिश्ते रहे हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक, रूस हथियारों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, भारत इसका सबसे बड़ा ग्राहक है। पिछले एक दशक में रूस के विदेशी हथियारों के शिपमेंट का 35% प्रतीशत भारत को निर्यात किया गया है।
रूसी ने भारत से खरीदें 150,000 डॉलर के पार्ट्स
रिपोर्ट के मुताबिक रूस की NPK,KBM, मशीन-बिल्डिंग डिजाइन ब्यूरो ने भी भारत से कुछ पार्ट्स खरीदे। यह कंपनी मिसाइल के उत्पादन से जुड़ी है। इसने भारतीय रक्षा मंत्रालय से जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के लिए अगस्त और नवंबर 2022 में Night Visionके कुल 6 पुर्जें 150,000 डॉलर में खरीदे। ये सभी पुर्जे, यह सुनिश्चित करते हैं कि मिसाइलें रात में और कम रोशनी में भी निशाना बना सके।
ये पुर्जे KBM द्वारा निर्मित किए गए थे। कंपनी ने फरवरी 2013 में भारत को इसी तरह के प्रकार के पुर्जों का निर्यात किया था। रिपोर्ट के मुताबिक न तो KBMऔर न ही भारतीय मंत्रालय ने टिप्पणी का कोई जवाब दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के लिए टैंक बनाने वाली कंपनी UralVagonZavod, ने, 9 दिसंबर, 2022 को $24 Millionमें म्यांमार सेना से सैन्य उत्पादों का आयात किया। इन उत्पादों को UralVagonZavod द्वारा बनाए जाने के रूप में पंजीकृत किया गया था।
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