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हम MSP पर लिखित आश्वासन देने को तैयार, किसान संगठन सरकार के प्रस्तावों पर विचार करें - नरेंद्र तोमर

नयी दिल्ली:- हम लोगों को लगता था कि कानूनी प्लेटफॉर्म का फायदा लोग अच्छे से उठाएंगे, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होगा, नई तकनीक से जुड़ेगा, बुआई के समय ही उसको मूल्य की गारंटी मिल जाएगी- कृषि मंत्री 


उनकी पहली मांग कानून निरस्त करने की थी, सरकार का पक्ष है कि कानून के वो प्रावधान जिन पर किसानों को आपत्ति है, उन प्रावधानों पर सरकार खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है; सरकार की कोई इगो नहीं है और सरकार को उनके साथ बैठकर चर्चा करने में कोई दिक्कत नहीं है - कृषि मंत्री


बातचीत में ये बात आती थी कि ये कानून वैध नहीं है क्योंकि कुछ लोगों ने बता रखा था कि कृषि राज्य का विषय है और केंद्र सरकार इस पर कानून नहीं बना सकती- कृषि मंत्री


MSP को लेकर सरकार ने अपना रुख साफ़ किया; हम MSP पर लिखित आश्वासन देने को तैयार - कृषि मंत्री
PM किसान सम्मान निधि के तहत हर साल किसानों को 75 हज़ार करोड़ रुपये; किसान, कृषि और गांव को आत्मनिर्भर बनाकर ही देश आत्मनिर्भर बनेगा - कृषि मंत्री

पिछले करीब दो सप्ताह से किसानों का नये कृषि कानूनों को लेकर विरोध जारी है। किसान राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वह तीन नये कृषि कानूनों को वापस लिये जाने की मांग कर रहे हैं। तोमर ने कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत के लिये हर समय तैयार है और आगे भी तैयार रहेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ठंड के इस मौसम में कोविड- 19 महामारी के बीच किसान प्रदर्शन कर रहे हैं इसको लेकर हम चिंतित हैं। किसान संगठनों को सरकार के प्रस्तावों पर जल्द से जल्द विचार कर लेना चाहिये जिसके बाद यदि जरूरत पड़ती है तो हम मिलकर अगली बैठक के बारे में फैसला कर लेंगे।’’ सरकार ने बुधवार को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था के जारी रहने को लेकर लिखित आश्वासन देने का प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने कहा कि MSP व्यवस्था जारी है और जा रहेगी।


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