भगत सिंह ने अपने छोटे भाई कुलतार सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि.. मां को समझना....
भगत सिंह ने अपने छोटे भाई कुलतार सिंह को 2 फरवरी 1931 को एक मार्मिक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने अपने परिवार को सांत्वना दी और अपने बलिदान को एक उच्च उद्देश्य से जोड़ा। उन्होंने लिखा:
"प्रिय कुलतार,
तुम्हारा भाई केवल इसीलिए फांसी पर नहीं चढ़ रहा कि उसने कोई अपराध किया है, बल्कि इसलिए कि वह देश की आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहा है। मौत से डरना बेकार है। यह तो एक दिन आनी ही है। परंतु यह देखना आवश्यक है कि हमारी मृत्यु किस उद्देश्य के लिए हो रही है। यदि हमारा बलिदान किसी अच्छे मकसद के लिए है, तो वह व्यर्थ नहीं जाएगा।
तुम सब धैर्य रखो और साहस से काम लो। माँ को समझाना कि वे रोएं नहीं, बल्कि गर्व करें कि उनका बेटा देश के लिए कुर्बान हो रहा है।"
भगत सिंह का यह पत्र उनके दृढ़ निश्चय और बलिदान की भावना को दर्शाता है। यह पत्र आज भी युवाओं को प्रेरित करता है कि वे अपने देश और समाज के कल्याण के लिए संघर्ष करें।















































































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