मासूम चीखों के बीच खून का खेल : छह लाशें, एक घर, से
सीतापुर। उसे केवल एक ही शिकार करना था। लेकिन हत्या करते हुए उसकी मां ने उसे देख लिया। अब उसे दो को मारना था। दो की हत्या करने के बाद हत्यारे ने सोचा कि जब दो लोगों को मार दिया है तो बाकी को भी मार देना चाहिए।
और उसके बाद उस हत्यारे ने एक-एक करके उस घर के कुल 6 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। और इस हत्याकांड के दौरान उसने गोली चला दी जो दो लोगों को लगी। और इस एक गोली ने आखिरकार पुलिस को हत्यारे तक पहुंचा दिया। आइए जानते हैं सीतापुर सामूहिक हत्याकांड का खौफनाक सच। उत्तर प्रदेश के सीतापुर का एक छोटा सा गांव है पाल्हापुर। जहां 11 और 12 मई की रात मौत का तांडव हुआ। और उस घर में रहने वाले एक ही परिवार के छह लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतकों में घर का मुखिया और उसकी पत्नी, मां और उनके तीन छोटे बच्चे शामिल हैं।
एक के बाद एक हत्या के बाद पुलिस जांच में पता चला कि हत्यारा एक ही हत्या करना चाहता था। लेकिन एक को मारते वक्त घर में सो रहे दूसरे शख्स की नींद खुल गई, इसलिए उसे दूसरे को भी मारना पड़ा। लेकिन जब उसने एक-एक करके उनमें से दो को मार डाला, तो उसने सोचा कि तीसरे को क्यों छोड़ा जाए? इसके बाद उसने तीसरी गोली भी मार दी। तीसरी हत्या से घर में सो रही 12 साल की बच्ची जाग गई। उन्होंने अपनी माँ, दादी और पिता को अपनी आँखों से मरते देखा। उसने हत्यारे का चेहरा भी पहचान लिया। फिर क्या था? सबूत मिटाने के लिए उसने इस लड़की पर भी गोली चलाई। उसने अपनी जान भी ले ली।
इसके बाद हत्यारे ने सोचा कि एक बच्चे को मार कर बाकी दो बच्चों को क्यों छोड़ा जाए? फिर उसने बाकी दोनों बच्चों के सिर पर हथौड़े से वार करना शुरू कर दिया और आखिर में एक-एक कर तीनों बच्चों को उठाकर छत से नीचे फेंक दिया। यूपी के सीतापुर से 10 और 11 मई की रात एक ही परिवार में छह हत्याओं की ऐसी ही चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। लेकिन इसके साथ ही इस हत्याकांड के खुलासे से जुड़ा एक अजीब संयोग सामने आया है, जिस पर किसी के लिए भी यकीन करना मुश्किल हो सकता है।
एक गोली और दो शिकार
क्या आप यकीन करेंगे कि इस हत्या का खुलासा एक ऐसी गोली से हुआ, जो हत्यारे ने चलाई थी और उसका निशाना किसी और को था, लेकिन गोली अपने निशाने पर लगने के बाद दूसरे शख्स के शरीर में जा घुसी। इस गोली ने छह हत्याओं के पूरे मामले का खुलासा कर दिया। इस तरह हुआ हत्या का खुलासा उस गोली से हुआ, जो चलाई तो किसी को गई, लेकिन मिली किसी और के शरीर में।
पुलिस ने पहले यह कहानी बताई थी कि सीतापुर के पाल्हापुर गांव में हुई इस घटना को पहले ‘मास मर्डर कम सुसाइड’ यानी सामूहिक हत्या के बाद आत्महत्या कहा गया था। घर में परिवार के एकमात्र जीवित सदस्य भाई अजीत सिंह ने अपने भाई अनुराग सिंह पर पत्नी-बच्चों और मां की हत्या करने और खुद को भी गोली मारने का आरोप लगाया था, जिसकी पुलिस जांच कर रही थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुला राज
इस घटना में मारे गए अनुराग सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पता चला कि उनके सिर में एक नहीं बल्कि दो गोलियां लगी थीं। जिस अनुराग पर अपने परिवार के सदस्यों की हत्या के बाद आत्महत्या करने का आरोप था, वह खुद एक हत्यारे का शिकार था। क्योंकि सिर में दो गोलियां लगने का मतलब आत्महत्या नहीं है। कोई भी इंसान अपने सिर में एक-एक करके दो गोलियां नहीं मार सकता। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि अगर घर में घुसकर छह लोगों की हत्या करने वाला अनुराग की मौत को आत्महत्या दिखाना चाहता था तो उसने उसके सिर में दो गोलियां क्यों मारीं
अनुराग का भाई ही निकला कातिल
जवाब ये है कि हत्यारे ने एक ही गोली चलाई थी, लेकिन दूसरी गोली गलती से चल गई। इसका उन्हें पता ही नहीं चला। गलती से चली गोली ने खोल दिया हत्या का राज। पुलिस ने हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह कोई और नहीं बल्कि अनुराग का भाई अजीत है, जो घटना के वक्त घर पर ही मौजूद था। पुलिस के मुताबिक, अपने पूरे परिवार को मारने के बाद अजीत इसे अपने भाई की करतूत दिखाना चाहता था, इसलिए उसने अपने सिर में सिर्फ एक ही गोली मारी, लेकिन किस्मत का खेल देखिए कि उसने गोली किसी और को मारी, लेकिन गोली कहीं और मारी।
एक गोली ने किया 6 हत्याओं का खुलासा
दरअसल, उसने अपने भाई अनुराग की 12 साल की बेटी को मारने के लिए उसके सिर में गोली मार दी, लेकिन गोली उसके गले के पार हो गई। यह गोली फिर अजीत के भाई अनुराग के सिर में लगी। यह बात उसके दिमाग में ही बैठी रही। जो बाद में पोस्टमार्टम के दौरान बरामद हो गया। इस दूसरी गोली ने राज खोल दिया कि यह मामला पांच हत्याओं के बाद आत्महत्या का नहीं बल्कि छह हत्याओं का है। फिलहाल पुलिस की जांच में यह साफ हो गया है कि अनुराग और उसकी मां समेत उसके पूरे परिवार की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके भाई अजीत ने ही की है।
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